नारायणपुर। बस्तर के पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस बार भी लोग डर के मारे वोट देने से कतरा रहे हैं। आलम यह है कि अबूझमाड़ के इलाकों में कई केंद्र पूरी तरह सूने पड़े हैं।
शत प्रतिशत नक्सल प्रभावित इलाका है ओरछा ब्लॉक
बस्तर के नारायणपुर जिले का ओरछा विकासखंड, जिसे अबूझमाड़ कहा जाता है। ये ब्लॉक शत प्रतिशत नक्सल प्रभावित है, और यहां नक्सलियों की धमकी का असर साफ़ नजर आता है। यहां के अमझर, पोयामेटा सहित कई अन्य मतदान केंद्र हैं, जहां पर पिछले बार की तरह ही मतदाता नक्सलियों के डर से वोट देने नहीं पहुंच रहे हैं। नक्सलियों ने धमकी दी है कि जिसकी भी उंगली में मतदान की स्याही नजर आयी, उसकी उंगली काट दी जाएगी। इन इलाकों में दोपहर तक बमुश्किल 8 से 9 प्रतिशत नागरिक ही मतदान करने पहुंचे हैं।
60 हजार जवानों की तैनाती
बताते चलें कि नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षाबलों के 60 हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है।
बस्तर क्षेत्र के कुल 14,72,207 मतदाता, जिनमें 7,71,679 महिला तथा 7,00,476 पुरुष मतदाता शामिल हैं। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा तथा जगदलपुर के 72 मतदान केंद्रों में सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान होगा।
बस्तर क्षेत्र में 102 गांव ऐसे हैं जहां पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किया गया है। शांतिपूर्ण मतदान के लिए क्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 350 कंपनियां तैनात की गई हैं और राज्य बल की 300 कंपनियां भी वहां तैनात हैं।