रायपुर। अशोका बिरयानी रेस्टोरेंट के एमडी केके तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार देर रात एमडी की गिरफ्तारी गैर इरादतन हत्या के मामले में की गई है। गुरुवार को तेलीबांधा के रेस्टोरेंट अशोका बिरयानी में गटर में उतारे जाने से दो युवकों की मौत के मामले में यह गिरफ्तारी हुई है। तेलीबांधा थाने में मामले में 4 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज की गई थी। एमडी केके तिवारी, सीईओ सनाया तिवारी, जीएम रोहित चंद और ब्रांच मैनेजर रोमिना मंडल को आरोपी बनाया गया था। रोहित चंद और रोमिना मंडल को पुलिस ने मीडिया कर्मियों से मारपीट के मामले में शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। शुक्रवार रात मर्ग जांच के बाद जब गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज की गई तो उसमें दोनों का भी नाम शामिल किया गया। इस मामले में जेल से बाहर आने पर दोनों को इस मामले में गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि रेस्टोरेंट प्रबंधन की लापरवाही की वजह से रेस्टोरेंट के दो स्टाफ डेविड साहू और नीलकमल पटेल की मौत हो गई थी। इसके बाद कवरेज करने के गए पत्रकारों के साथ रेस्टोरेंट स्टाफ ने मारपीट की और कैमरे तोड़ दिए थे।

इस घटना के बाद रेस्टोरेंट के बाहर करीब 39 घंटे तक जमकर बवाल मचा। रेस्टोरेंट प्रबंधन की तरफ से घटना को छिपाने के लिए पहले परिजनों को झूठी सूचना देने और फिर कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों से मारपीट को लेकर मचा बवाल शनिवार सुबह 4 बजे खत्म हुआ था। मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए मुआवजा और हर महीने 15-15 हजार रुपए देने के वादे के साथ ही जिम्मेदार प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई के दावे के साथ ही हंगामा शांत हुआ।

जानकारी के अनुसार गुरुवार को रेस्टोरेंट के दो स्टाफ डेविड साहू और नीलकमल पटेल को गटर की सफाई के लिए उतार दिया गया। दोनों को गटर सफाई का कोई अनुभव नहीं था। उतारने के बाद गटर के चेंबर के ढक्कन को बंद कर दिया। इससे अंदर दम घुटने और जहरीली गैस के संपर्क में आने से दोनों की मौत हो गई। घटना के बाद प्रबंधन ने परिजनों को एक्सीडेंट की सूचना दी। शुक्रवार को शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर रेस्टोरेंट के बाहर पहुंच गए। रेस्टोरेंट संचालित हो रहा था, जिसे देखकर सभी ने काफी नाराजगी जताई। रायपुर ग्रामीण के विधायक मोतीलाल साहू भी मौके पर पहुंचे। परिजनों के साथ वे भी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। शुक्रवार रात तक भी जब बवाल नहीं थमा तो डिप्टी सीएम मंत्री विजय शर्मा के आने की खबर लगी। यह सूचना मिलते ही कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी संतोष सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने मोर्चा संभाला। रात एक बजे गृह मंत्री पहुंचे तो परिजनों को समझाया।