खरगे
खरगे

एससी, एसटी, ओबीसी के लिए भाजपा को खतरा बताया

नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बाबासाहेब के संविधान को बचाए रखने के लिए भाजपा को सत्ता से बाहर करना जरूरी है। खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों, महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों के लिए ‘सबसे बड़ा खतरा’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि बाबासाहेब भीमराम आंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना जरूरी है।

उन्होंने यहां ‘समृद्ध भारत’ नामक संस्था की ओर से आयोजित ‘सामाजिक न्याय सम्मेलन’ में एक वीडियो संदेश में यह दावा भी किया कि भाजपा के नेताओं द्वारा संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की धमकी दी जा रही है।

खरगे ने कहा, ‘‘बीते एक दशक में दलित, आदिवासी, बहुजन, अल्पसंख्यक और महिलाओं के साथ मोदी सरकार ने भारी नाइंसाफ़ी की है। जातिगत भेदभाव और अत्याचार बढ़ गए हैं। भारी बैकलॉग है। लेकिन, हर दूसरे दिन भाजपा नेता आरक्षण खत्म करने और संविधान को बदलने की धमकी दे रहे हैं, जो हमें आंबेडकर, नेहरू, आजाद और भारत के अन्य निर्माताओं ने दिया है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा भारत, विशेषकर एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। खरगे का कहना था, ‘‘कांग्रेस पार्टी की ‘हिस्सेदारी न्याय’ की गारंटी सामाजिक व आर्थिक समानता की सोच का हिस्सा है। हम एससी और एसटी के ‘कंपोनेंट प्लान’ को पुनर्जीवित करेंगे और जल-जंगल-जमीन के अधिकारों की सुरक्षा करेंगे।’’

उनके मुताबिक, ‘‘हम जो वायदा करते हैं, वो पूरा करते हैं। इसका इतिहास रहा है। संप्रग सरकार द्वारा लागू मनरेगा, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार, वनाधिकार, रेहड़ी-पटरी वालों के अधिकार इसके ग़वाह हैं।’’कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने ऐसा एक भी काम नहीं किया।

खरगे ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की एकमात्र उपलब्धि चंद मित्रों को अमीर बनाना है। मोदी सरकार की नीतियों की वजह से असमानता की खाई और गहरी हो गई है। कमजोर तबकों की हालत इन 10 सालों में बद से बदतर हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विचारों के केंद्र में महात्मा गांधी जी और बाबासाहेब आंबेडकर का नजरिया रहा है। इस दृष्टिकोण के साथ हमारे संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है। अवसर की समानता से लेकर जीविका का अधिकार दिया गया है। एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और दूसरे कमजोर तबकों को समान अवसर मिलें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक न्याय एक विस्तृत शब्द है। रातों-रात समाज को नहीं बदला जा सकता। लेकिन समाज को बदलने के लिए गहरी सोच और कानूनी आधार भी होना चाहिए। हमारे नायकों ने दोनों काम किया।’’

खरगे ने कहा, ‘‘ये काम कभी हमारे एजेंडे से भटका नहीं है। राहुल गांधी जी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा’ देशभर में निकली थी, जिसके केन्द्र में सामाजिक न्याय था।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘जो संविधान को बदलने की बात करते हैं, उनके मन में एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, गरीबों और महिलाओं के प्रति कितनी इज्जत है आप समझ सकते हैं? जातिगत जनगणना की मांग दो साल से हो रही है लेकिन इस सवाल पर मोदीजी का मौन सामाजिक न्याय के साथ धोखा नहीं तो और क्या है?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘हकीकत ये है कि आरएसएस-भाजपा के मन में बराबरी की बात कभी नहीं रही है। ये बातें वे केवल भाषणों में करते हैं। हकीकत में वे अपने अरबपति मित्रों को और अमीर तथा जनता को गरीब बनाते हैं। चंद उद्योगपतियों को मालामाल करने के लिए वे जनता के संसाधनों को बेचने में संकोच नहीं करते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछड़े समुदायों को मूर्ख बनाने के लिए लगातार अपनी जाति का प्रचार किया है। सत्ता में आने के बाद उन्होंने पिछड़े और दलितों के लिए कुछ नहीं किया है और सिर्फ वोट बैंक के रूप में उनका इस्तेमाल किया है।’’

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