0 5 मई तक रोज होगा फेसबुक लाइव
0 बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आने से पहले तनाव से बचाने की पहल

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम जल्द ही घोषित होने वाले हैं। परिणाम को लेकर बच्चों के मन-मस्तिष्क में होने वाले तनाव को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी करके बच्चों और पालकों की कॉउन्सिलिंग की पहल की है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया में चर्चित IAS अफसर और बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने फेसबुक लाइव के जरिये छात्रों को तनाव से मुक्त करने के लिए ऑनलाइन संवाद शुरू किया है।

छात्रों और पालकों से ONLINE जुड़े कलेक्टर

परीक्षा परिणाम के मद्देनजर बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा अभिनव पहल की गई है जिसमें छात्रों को तनाव मुक्त करने और परिणामों से मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए ऑनलाइन सेशन के जरिए उत्प्रेरित किया जा रहा है। कलेक्टर अवनीश शरण ने आज सत्र के पहले दिन छात्रों और पालकों से फेसबुक लाइव के जरिए जुड़े और तनाव प्रबंधन तथा परीक्षा परिणामों को लेकर उपयोगी टिप्स दिए। कलेक्टर ने पालकों और छात्रों के प्रश्नों के जवाब भी दिए।

विद्यार्थियों को डिप्रेशन से बचाने का प्रयास

छत्‍तीसगढ़ में अगले सप्‍ताह दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, किंतु कई बच्चे बेहतर परीक्षा परिणाम नहीं आने के कारण तनाव के कारण अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। यह समय बच्चों और उनके पालकों के लिए अत्यंत संवेदनशील होता है। बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने परीक्षा परिणाम को लेकर विद्यार्थियों में होने वाले तनाव को दूर करने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई है।

“होप फॉर द बेस्ट बट प्रिपेयर फॉर वर्स्ट”

इस संबंध में आज उन्होंने जिले के सभी 426 शासकीय एवं अशासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों के प्राचार्यों की वर्चुअल बैठक ली। कलेक्टर ने विद्यार्थियों को तनाव से दूर करने के लिए प्राचार्यों को एक अच्छे माहौल बनाने की जरूरत पर विशेष जोर दिया, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्राचार्य और शिक्षक सभी सम्मिलित होंगे। अवनीश शरण ने प्राचार्यों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों को वर्तमान में काउंसलिंग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि “होप फॉर द बेस्ट बट प्रिपेयर फॉर वर्स्ट”।

रिजल्ट को लेकर खुद का दिया उदहारण

कलेक्टर अवनीश शरण ने फेसबुक लाइव पर छात्रों से कहा कि वे परिणामों को लेकर तनाव ग्रस्त न रहें और परिणाम जो भी हो अपना संबल और आत्मविश्वास बनाए रखें, कोई भी परीक्षा परिणाम जीवन से बड़ा नही है। कलेक्टर शरण ने अपने दसवीं में आए रिजल्ट का जिक्र करते हुए कहा कि तृतीय श्रेणी में आने के बावजूद वे निराश नहीं हुए और आगे प्रयास जारी रखा, जिसके फलस्वरूप आज वे IAS हैं, कलेक्टर ने कहा कि आपके शिक्षक और माता पिता ही आपके लिए प्रेरक हैं, जिनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं, उनके जीवन के संघर्ष से प्रेरणा लें।

‘अपनी अपेक्षाओं का बोझ बच्चों पर न डालें’

उन्होंने पेरेंटिंग के टिप्स देते हुए कहा कि कभी भी अपने बच्चों की तुलना किसी और से न करें, उन्हे बिना किसी दबाव के प्रेरित करते रहें और अपनी अपेक्षाओं का बोझ उन पर न डालें, यह घातक हो सकते है। उन्होंने कहा कि परिणामों को लेकर तनाव से बचने अपने मनपसंद काम के लिए समय निकालें, अपने करीबियों से बातचीत करें, अच्छी फिल्में देखकर भी प्रेरणा ली जा सकती हैं।

‘स्कूलों में लगाएं समर कैंप’

कलेक्टर ने बच्चों का मनोबल बढ़ाने शिक्षा विभाग को सत्र के दौरान स्कूलों में समर कैंप आयोजित करने के निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर ने सत्र के दौरान सोशल मीडिया के बेहतर उपयोग की अपील करते हुए उसके दुष्परिणामों से भी आगाह किया।

सैकड़ों लोग जुड़े फेसबुक लाइव से

ऑनलाइन सत्र में जुड़े अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों ने अवनीश शरण से कई सवाल किए, जिनके जवाब भी उन्होंने दिए, ऑनलाइन सत्र के पहले दिन आज लगभग 500 से अधिक लोग फेसबुक लाइव के जरिए जुड़े और कलेक्टर अवनीश शरण के प्रेरक संबोधन को सुना।

सुबह-शाम फेसबुक से सीधे संवाद…

कलेक्टर बिलासपुर के द्वारा विद्यार्थियों को तनाव मुक्त करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत 29 अप्रैल 2024 से 5 मई 2024 तक बिलासपुर जिले के आधिकारिक फेसबुक पेज के द्वारा सुबह 9:00 बजे से एवं शाम पांच बजे से कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रमुख शिक्षाविद मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक बच्चों से सीधे संवाद करेंगे। फेसबुक लाइव पेज को ज्वाइन करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला प्रशासन के फेसबुक पेज का लिंक सभी विद्यालयों को शेयर किया गया है। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि फेसबुक लाइव का लिंक सभी पालकों एवं बच्चों व्हाट्सएप ग्रुप में भेजें और बच्चों तथा उनके पालक दोनों को फेसबुक लाइव से जोड़ने के लिए प्रेरित करें। किसी भी बच्चे अथवा उसके पालक को कोई भी समस्या है तो वह तत्काल मनोवैज्ञानिकों से और जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। यदि कोई बच्चा या पालक फेसबुक पेज में लाइव या सीधा नहीं जुड़ पता है तो बाद में लिंक के माध्यम से मोटिवेशनल स्पीच को देख सकता है।