संयुक्त ट्रेड यूनियन
संयुक्त ट्रेड यूनियन

संविधान, जनतंत्र, एकता व धर्म निरपेक्षता की हिफाजत का संकल्प लिया

रायपुर l आज 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल के नेतृत्व में राजधानी के श्रमिक संगठनों द्वारा जंगी रैली निकाली गई तथा आमसभा ली गई l आज संध्या 6 बजे मोतीबाग से आरंभ रैली शास्त्री बाजार, छोटापारा होते हुए राजीव गाँधी तिराहे पर आमसभा मे परिवर्तित हो गई l

इस रैली में रायपुर डिविजन इंश्योरेंस एम्पलाईज यूनियन, बी एस एन एल एम्पलाईज यूनियन, सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन, मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटिटिव्हज यूनियन, पोस्टल कर्मचारी संघ, सेंट्रल ज़ोन इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन, छ ग तृतीय वर्ग शा कर्मचारी संघ सहित विभिन्न घटक संगठनों से संबद्ध सैकड़ों कामगारों ने शिरकत की l रैली में बडी संख्या में महिला कामगार भी शामिल रहे l

इस अवसर पर हुई सभा को संबोधित करते हुए सेंट्रल ज़ोन इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन के महासचिव का. धर्मराज महापात्र ने कहा कि इस वर्ष का मई दिवस नई चुनौतियों को लेकर आया है l यह मई दिवस ऐसे समय मनाया जा रहा है जब देश 18 वी लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में लगा है l विगत 10 वर्षों से देश की सत्ता में काबिज पार्टी भाजपा के द्वारा अपनाई गई मजदूर, किसान विरोधी नीतियों के दुष्प्रभाव से हम अछूते नहीं है l

महंगाई, काला धन, नोटबंदी, जी एस टी, मजदूर किसान विरोधी काले कानून,सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण, बेरोजगारी जैसे जनविरोधी कदमों से देश की मेहनतकश जनता त्रस्त है l इसके खिलाफ उठनेवाली हर आवाज को कुचलने का मोदी सरकार का रुख अंततः देश को तानाशाही की ओर धकेल रहा है l ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमले, राजनीतिक विरोधियों पर ई डी, सी बी आई व आयकर का इस्तेमाल, संसद में बहुमत का दुरुपयोग करते हुए जन विरोधी कानूनों को पारित करवाये जाने जैसे कदमों ने संविधान व लोकतंत्र की बुनियाद पर ही हमला बोल दिया है l

इसके जरिये हमारे धर्मनिरपेक्ष संविधान को नष्ट किया जा रहा है और मनुस्मृति लादने की प्रक्रिया जारी है जो दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को निम्न दर्जा देती है। यह आरएसएस की एक राजनीतिक परियोजना ‘हिंदू राष्ट्र’ की स्थापना की ओर बढ़ाया जानेवाला कदम है, जिसका हिंदू धर्म या हिंदू आस्था का पालन करने वाले लोगों के हितों और भलाई से कोई लेना-देना नहीं हैl

चुनावी बांड योजना को सबसे बड़ा वैश्विक घोटाला बताया जा रहा है। इसमें इस बात की झलक दी गई है कि कैसे मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपने कॉर्पोरेट दानदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए नीतियां बनाईं। मोदी ने स्वयं घोषणा की कि उनका दस साल का शासन केवल आरंभिक था; मुख्य दौर तब आएगा जब वह तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाएंगे।

आरएसएस, हमारे संसदीय लोकतंत्र को नष्ट कर देता है और एक क्रूर तानाशाह की तरह शासन करता है। मौजूदा लोकसभा चुनावों में इसे हासिल करना मजदूरों, किसानों और मेहनतकश लोगों के सभी वर्गों के लिए जरूरी है।अत :मजदूर वर्ग को इस मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेना चाहिए।

आमसभा को एम के नंदी, सुरेंद्र शर्मा, चंद्रशेखर तिवारी, एस सी भट्टाचार्य एवं वी एस बघेल ने संबोधित करते हुए इन आम चुनावों में जन विरोधी मोदी सरकार को राजनीतिक रूप से पराजित करने का आव्हान किया l

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