समुद्र में ऊंची लहरें उठने के कारण उथल-पुथल मचने की आशंका
गुवाहाटी। मौसम एजेंसियों ने केरल और दक्षिणी तमिलनाडु के तटीय इलाकों में शनिवार देर रात 2.30 बजे से रविवार रात 11.30 बजे तक समुद्र में तेज लहरें उठने की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया है। इसे कल्लकदल घटना के नाम से जाना जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) के अनुसार, इस दौरान समुद्र में 0.5 से 1.5 मीटर तक ऊंची लहरें उठने के कारण उथल-पुथल मचने की आशंका है।

आईएनसीओआईएस ने मछुआरों को मछली पकड़ने वाले जहाजों को बंदरगाह पर मजबूती से बांधने की चेतावनी दी है। एक बयान जारी कर मौसम विभाग ने लोगों को खतरे वाले क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है। बयान में कहा गया, नावों के बीच सुरक्षित दूरी बनाकर रखने से टकराव के खतरे से बचा जा सकता है। एजेंसियों ने लोगों से समुद्री तटों से दूर रहने की भी सलाह दी है।
क्या है कल्लकदल की घटना?
कल्लकदल मूल रूप से तटीय बाढ़ की स्थिति है जो मानसून से पहले (अप्रैल-मई में) भारत के दक्षिण-पश्चिमी तटीय इलाकों में घटित होती है। 2016 में एजीयू जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, यह उत्तरी हिंद महासागर में बाढ़ की स्थिति और दक्षिणी हिंद महासागर में मौसम के स्थितियों के बीच का संबंध है।
कल्लकदल शब्द का इस्तेमाल स्थानीय मछुआरे करते हैं। इसकी उत्पत्ति मलयालम के दो शब्दों कल्लन और कदल से हुई है। कल्लन का मतलब है चोर और कदल का अर्थ है समुद्र। दोनों शब्दों को मिलाकर कल्लकदल बनाया गया है, जिसका मतलब है, समुद्र जो चोर की तरह आता है।
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