विदेशमंत्री जयशंकर
विदेशमंत्री जयशंकर

भारत का समाज हमेशा अन्य समाजों के लोगों के लिए “खुला” रहा

नई दिल्ली । भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने भारत और जापान को ‘ज़ेनोफ़ोबिक’ देश कहा था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत का समाज हमेशा अन्य समाजों के लोगों के लिए “खुला” रहा । मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) “मुसीबत में फंसे लोगों के लिए” दरवाजे खोलता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की तुलना रूस और चीन जैसे देशों के साथ करते हुए उसे एक ‘ज़ेनोफ़ोबिक’ देश बताया था। जेनोफ़ोबिक यानी ऐसे देश, जो आप्रवासियों को अपने देश में कतई नहीं चाहते या उनसे डर का माहौल पैदा किया जाता है।

जानिए CAA पर क्या बोले जो बाइडन?

दरअसल, बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में एशियाई-अमेरिकी लोगों से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि हम आप्रवासियों का स्वागत करते हैं। सोचिए कि क्यों चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह फंसा हुआ है? जापान को परेशानी क्यों हो रही है? रूस को क्यों परेशानी हो रही है? भारत को क्यों परेशानी हो रही है? क्योंकि वे ज़ेनोफ़ोबिक हैं। वे आप्रवासी नहीं चाहते हैं।”

CAA का विरोध करने वालों पर जाहिर की नाराजगी

इंटरव्यू में जयशंकर ने भारत के नए नागरिकता संशोधन कानून का ज़िक्र करते हुए बताया कि भारत कैसे लोगों को स्वागत कर रहा है। उन्होंने कहा कि यही वजह कि भारत के पास सीएए कानून है जो मुश्किल में फंसे लोगों को भारत की नागरिकता देने का काम करता है। एस जयशंकर ने कहा कि ‘हमें उन लोगों के स्वागत के लिए तैयार रहना चाहिए, जिन्हें आने की ज़रूरत है और जिनका हक बनता है।’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीएए का विरोध करने वालों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि सीएए के होने से 10 लाख मुसलमान भारत में अपनी नागरिकता खो देंगे।

पश्चिमी मीडिया का एक हिस्सा बनाता है भारत को निशाना-जयशंकर

एस जयशंकर ने इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कहा कि इन दावों के बावजूद किसी की भारत में नागरिकता नहीं गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया का एक हिस्सा ग्लोबल नैरेटिव को अपने हिसाब से चलाना चाहता है और इसी क्रम में वह भारत को निशाना बनाता है। उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्हें भरोसा है कि उन्हें इस नैरेटिव को कंट्रोल करना चाहिए।

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