नई दिल्ली। CBI ने अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि ये सभी आरोपी भारतीय युवाओं को बेहतर नौकरी का लालच देकर रूस भेजते थे और फिर उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल देते थे। गिरफ्तार आरोपियों में एक अनुवादक भी है।

अधिकारियों ने बताया कि केरल के त्रिवेंद्रम निवासी अरुण और येसुदास जूनियर उर्फ ​​प्रियन को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। दो अन्य आरोपियों, कन्याकुमारी निवासी निजिल जोबी बेन्सम और मुंबई निवासी एंथोनी माइकल एलंगोवन, को 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

रुसी सेना के लिए भारतीय युवाओं की कर रहे थे भर्ती

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 6 मार्च को एजेंसी ने देश भर में चल रहे एक प्रमुख मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जो विदेश में आकर्षक नौकरियों की पेशकश के वादे पर भोले-भाले युवाओं को निशाना बना रहा था। ये तस्कर एक संगठित नेटवर्क के रूप में काम कर रहे हैं और ये यूट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया चैनलों तथा अपने स्थानीय संपर्कों/एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूस में अधिक वेतन वाली नौकरियों के लिए लुभा रहे थे।

0 ऐसे पीड़ित युवाओं की सूचना के बाद CBI ने की कार्रवाई

झांसा देकर युद्ध का दिया गया प्रशिक्षण

सीबीआई को ऐसे 35 मामले मिले हैं जिनमें सोशल मीडिया मंचों एवं स्थानीय संपर्कों और एजेंट के माध्यम से उच्च वेतन वाली नौकरियों के झूठे वादे का लालच देकर युवाओं को रूस ले जाया गया था। CBI प्रवक्ता ने बताया, ‘तस्करी करके लाए गए भारतीय नागरिकों को लड़ाकू भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया गया और उनकी इच्छा के विरुद्ध रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अग्रिम मोर्चो पर तैनात कर दिया जाता था, जिससे उनका जीवन गंभीर खतरे में पड़ गया। यह पता चला है कि युद्ध क्षेत्र में कुछ पीड़ित गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।’

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वीजा कंपनियों के खिलाफ FIR

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी में पूरे भारत में फैली 17 वीजा परामर्श कंपनियों, उनके मालिकों और एजेंट को नामजद किया गया है। एजेंसी ने उन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और मानव तस्करी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इन एजेंटों का मानव तस्करी नेटवर्क देश भर के कई राज्यों और उसके बाहर भी फैला हुआ है।”

इस तरह काम करते थे आरोपी

निजिल जोबी बेन्सम रूस में एक अनुवादक के रूप में अनुबंध के आधार पर काम कर रहा था। वह रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के लिए रूस में काम कर रहे नेटवर्क के प्रमुख सदस्यों में से एक था। अधिकारी ने कहा, “माइकल दुबई स्थित अपने सह-आरोपी फैसल बाबा और रूस में रहने वाले अन्य लोगों को चेन्नई में वीजा प्रक्रिया कराने और पीड़ितों के लिए रूस जाने के लिए हवाई टिकट बुक करने में मदद कर रहा था।”

अधिकारी ने कहा, “अरुण और येसुदास रूसी सेना के लिए केरल और तमिलनाडु से संबंधित भारतीय नागरिकों के मुख्य भर्तीकर्ता थे। अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ जांच जारी है जो मानव तस्करों के इस अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा हैं।”