नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी की एक दर्जन से अधिक दवाइयों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित किए जाने संबंधी हाल के एक आदेश के क्रियान्वयन पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी गई है ।

दरअसल, पिछले महीने बाबा रामदेव बाबा की पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया गया था।

जानें क्यों वापस लिया गया आदेश

इस मामले में एक हाई लेवल कमेटी ने सरकार को अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट पेश की, जिसमें कमेटी ने कहा कि प्रोडक्ट्स का लाइसेंस सस्पेंड करने का ऑर्डर अवैध था। इस दौरान कमेटी ने तर्क देते हुए कहा कि जिस तरह से लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने ये आदेश पारित किया था, वो तरीका गलत था।

लाइसेंस को कानून की तरफ से बनाई गई प्रकिया का पालन किए बिना कैंसिल किया गया, इसलिए यह कमेटी उत्तराखंड सरकार के पास अपनी रिपोर्ट जमा कर रही है, ताकि इस मामले में सही फैसला लिया जा सके।

हाई लेवल कमेटी द्वारा जमा की गई इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने अपने आदेश पर रोक लगाई है। उत्तराखंड सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार पांडे ने एक ऑर्डर में इस बात की जानकारी दी है। पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर कंपनियों के दवाइयां बनाने के लाइसेंस निलंबित करने के आदेश पर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगाई जा रही है।

30 अप्रैल को लगाया गया था बैन

उत्तराखंड सरकार ने 30 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया था। इस दौरान लाइसेंस अथॉरिटी ने प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी किया था। इस दौरान कहा गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन फैला रही है।

इन दवाइयों के लाइसेंस किए थे निलंबित

राज्य औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं ने 15 अप्रैल को दोनों कंपनियों द्वारा बनाई जा रहीं 14 दवाइयों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। जिन दवाइयों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित किए गए थे, उनमें श्वसारी गोल्ड, श्वसारी वटी, ब्रोनचोम, श्वसारी प्रवाही, श्वसारी अवालेह, मुक्ता वटी एक्सट्रा पॉवर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्सट्रा पॉवर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आईड्रॉप शामिल थी।

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