बीजापुर। छत्तीसगढ़ में बीजापुर के पिड़िया गांव के एनकाउंटर पर सवाल उठाये जा रहे हैं, शुरुआत में नक्सलियों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया, वही अब ग्रामीण भी सामने आकर इस मुठभेड़ में गाँव के लोगों के ही मारे जाने की बात कह रहे हैं। बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता और वकील बेला भाटिया ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कहा कि जिन ग्रामीणों के रिश्तेदार मारे गए हैं उन्हीं से मृतकों का शव भी ढुलवाया गया।

SP ने मिलने में की आनाकानी

बीजापुर में मीडिया से बातचीत में बेला भाटिया ने बताया कि, वे मृतकों के परिजनों को लेकर जिला मुख्यालय आईं थीं। बीजापुर SP ने पहले मिलने से मना कर दिया था। 3-4 घंटे तक इंतजार करवाया था। बाद में मुलाकात की। साथ ही फर्जी मुठभेड़ और घायलों को लेकर थाने में शिकायत पत्र दिया गया, जिसकी पावती नहीं दी गई। पुलिस ने साफ कह दिया कि पावती नहीं दी जाएगी।

रिश्तेदार के घर आए ग्रामीणों को भी मारा

बेला भाटिया ने आरोप लगाया कि, इतावार गांव से 19 लोग और पिड़िया गांव से 57 लोगों को पुलिस पकड़कर ले गई। जिन्हें नक्सली बताकर मारा गया, वे ग्रामीण थे। उनमें से 2 ऐसे लोग थे जो दूसरे गांव के रहने वाले थे। अपने रिश्तेदार के घर आए थे। तेंदूपत्ता तोड़ने गए तो उन्हें मार दिया गया।

बेला ने कहा कि, पुलिस ने 12 लोगों की हत्या करने के बाद उनके रिश्तेदारों से शव उठवाया। उनके शव को जिला मुख्यालय तक लाया गया। उनसे मजदूरी करवाई गई।

SP ने आरोपों को नाकारा

बेला भाटिया के इन आरोपों के बाद ने बीजापुर जिले के SP जितेंद्र यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने एनकाउंटर में ही 12 नक्सलियों को मारा है। ग्रामीणों से शवों को ढुलवाने वाली बात पर कहा कि ये आरोप गलत हैं ये इनका प्रोपोगेंडा है।