सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक बड़े ही शर्मनाक कांड का खुलासा हुआ है। यहां मोबाइल एप के जरिए आवाज बदलकर आदिवासी कॉलेज छात्राओं को स्कॉलरशिप का झांसा दिया जाता, उसके बाद उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था। पहले तो आरोपी एप के जरिए कॉल करता और महिला टीचर की आवाज में स्टूडेंट से बात करता था फिर उनको डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए अकेली या सूनसान जगह पर बुलाता था। जब स्टूडेंट झांसे में आकर वहां पहुंचती थी, तब उनके साथ रेप की वारदात होती थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी महिलाएं आदिवासी यानी ST वर्ग की हैं।

चार आरोपी पकड़ाए

सीधी में 7 आदिवासी छात्राओं के साथ दुष्कर्म की घटना पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें बृजेश प्रजापति मुख्य आरोपी है जबकि तीन सह आरोपी हैं। बृजेश प्रजापति उम्र 30 वर्ष निवासी, अमरवाह थाना कोतवाली, जबकि तीन अन्य आरोपी संदीप पिता वंश गोपाल प्रजापति 21 वर्ष, राहुल पिता वंश गोपाल प्रजापति उम्र 24 वर्ष, लव कुश प्रजापति पिता मंगल प्रजापति उम्र 23 वर्ष मड़वास के निवासी हैं। एक अभी नाबालिग है। सीधी जिले में आदिवासी छात्राओं के साथ बलात्कार की घटना के बाद रीवा जोन के आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार सीधी पहुंचे।

छः महीने से कर रहे थे वारदात

रीवा रेंज के आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि एक मजदूर बृजेश प्रजापति और उसके दो साथी संदीप प्रजापति और राहुल प्रजापति पिछले छह महीनों से आदिवासी लड़कियों के साथ दुष्‍कर्म कर रहे थे। लड़कियों से आवाज बदलकर उन्‍हें फंसाते थे। हालांकि सूत्रों के मुताबिक दुष्‍कर्म का ये सिलसिला 2 साल से चल रहा था। आरोपियों के कब्जे से 16 मोबाइल फोन जप्त किए गए हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है हर छात्रा को बुलाने के लिए अलग फोन और सिम का इस्तेमाल आरोपी करते थे।

इस तरह करते थे अपराध

युवकों का ये समूह कॉलेज में पढ़ने वाली आदिवासी पीड़ित छात्राओं से बात करता था। ये सीधी के गवर्नमेंट कालेज वॉट्सएप ग्रुप से नंबर निकालते थे। इसके बाद आरोपी इस मैजिक ऐप के जरिए रंजना मैंम बनकर महिला की आवाज में पीड़ित छात्राओं से बात करता था। इसके बाद वह स्कॉलरशिप के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट देने के लिए लड़कियों को बुलाता था। जहां से वे उसे सुनसान जगह में ले जाते थे। किसी को इस बात की भनक न लगे इसके लिए वह निश्चित स्थान पर लेने के लिए एक युवक को बाइक से भेजते थे। इसके बाद वह घटना को अंजाम देते थे।

दुष्‍कर्म के लिए कैसे लिया तकनीक का सहारा?

आरोपी एक ऐप मैजिक वॉयस के जरिए फीमेल आवाज निकालकर उन्‍हें बहाने से सुनसान जगह पर बुलाते थे और दुष्‍कर्म करते थे। यह सिलसिला पिछले करीब 6 महीने से चल रहा था। जांच में बृजेश ने बताया है कि उसने यूट्यूब से ऐप का इस्‍तेमाल करना सीखा और फिर उसका उपयोग किया।

अब तक 7 लडकियां आयीं सामने

सभी पीड़िताएं कॉलेज की आदिवासी छात्राएं हैं। अब तक 7 पीड़ित लड़कियां सामने आईं है। हालांकि इनकी संख्या 15 से अधिक होने की आंशका है। पुलिस जांच के बाद ही पता चल सकेगा कितनी पीड़ित हैं।

पीड़ित लड़कियां पहले से बेहद डरी हुई थीं। बाद में जब अति हो गई तो 4 ने FIR दर्ज कराई। फिर कुछ लड़कियां और आई। एक लड़की ने दुष्‍कर्म के दौरान आरोपी बृजेश के जले हुए हाथ देखे थे। कुछ दूसरे इनपु्टस के आधार पर आरोपी बृजेश और उसके दो साथी संदीप प्रजापति और राहुल प्रजापति को डिटेक्‍ट कर गिरफ्तार किया गया है।

मजदूर कैसे करता था ऐप का इस्‍तेमाल ?

इस पूरे कांड में पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी बृजेश प्रजापति मैजिक वॉयस ऐप के जरिये लड़की की आवाज में बात करता था। उसने यूट्यूब से ऐप का इस्‍तेमाल करना सीखा कि कैसे फीमेल आवाज का इस्‍तेमाल कर छात्राओं को झांसे में फंसाना है। वह कॉलेज की आदिवासी लड़कियों को सुनसान जगह पर बुलाकर उनसे दुष्‍कर्म करता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी बृजेश प्रजापति मजदूर है।

पूरी तरह अनपढ़ हैं आरोपी…

आरोपी और उसके पूरी तरह से अनपढ़ हैं, लेकिन तकनीक की मदद लेकर उन्‍होंने कॉलेज की 7 से ज्‍यादा छात्राओं को दुष्‍कर्म का शिकार बना डाला। इस कांड से परेशान होकर जब 4 पीड़ित लड़कियां पुलिस के पास पहुंची तो इस जघन्‍य अपराध की परतें धीरे-धीरे खुलती गईं और सामने आया कि कैसे अनपढ़ मजदूरों ने तकनीक से इस पूरे कांड को अंजाम दे डाला।

कौन है आरोपी बृजेश प्रजापति

बृजेश प्रजापति एक मजदूर है। वो पूरी तरह अनपढ़ है। ये रोलिंग मिल में काम करता था। पहले वो नासिक में था, फिर जबलपुर और मुंबई के कल्‍याण में काम करता था। एक फैक्ट्री में इसके हाथ जल गए थे तो उसे लेबर एक्‍ट के तहत 3 लाख रुपए का मुआवजा मिला था। दो तीन साल तो मुआवजे पर जीवन यापन करता रहा, बाद में वो अपराध करने लगा। अब उसकी ये कहानी सामने आई है। 30 साल के ब्रजेश ने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी को उसने छोड़ दिया था। दूसरी पत्नी से उसकी एक बच्ची है।

SIT का किया गया है गठन : CM

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, इनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने और ठोस साक्ष्य संकलित करने के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। जो संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा।

पूर्व सीएम ने ऐसे घेरा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बारे में लिखा है कि क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियाँ निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के नारे का क्या अर्थ रह जाता है? मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि सभी पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए। इस मामले की उच्च