रायपुर । बलौदाबाजार की घटना भाजपा के तुष्टिकरण नीति और लापरवाही का परिणाम है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वहां के पूरे आयोजन के पीछे भारतीय जनता पार्टी के नेता ही थे। भाजपा के नेताओं ने ही भीड़ को भड़का कर पूरे घटना को अंजाम दिलाया। बलौदाबाजार का आम आदमी डरा सहमा हुआ है सरकार पर से भरोसा उठ गया है।

भूपेश बघेल ने कहा कि कुछ प्रश्न है जिनके जवाब सामने आ जाय तो सारा मामला साफ हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो। इलाके अलावा कुछ सवाल भी किए जिनमें धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से अनुमति दिलाने वाला कौन था,रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माईक के लिए रुपयों की व्यवस्था किसने किया, इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले भीम रेजीमेंट के लोगो की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे, सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था, भीड़ में लोग लाठी, डंडा लेकर आये थे प्रशासन क्या कर रहा था, रैली की शुरुआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया, भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई, आम जनता के वाहन जलाये जा रहे थे लोगों को दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी, एसपी किसके इशारे पर शांत बैठे हुए थे और घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर गये?

भूपेश बघेल ने कहा कि धार्मिक आधार पर हिंसा भड़काना भाजपा का पुराना चरित्र रहा है। इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ को कलंकित करने का काम किया है। इस घटना में आम आदमी को निशाना बनाया गया है। नागरिकों को भयमुक्त वातावरण देना कानून व्यवस्था को बनाये रखने की जवाबदारी सरकार की है। बलौदाबाजार में भय का वातावरण बनाया गया, छोटे-छोटे व्यापारियों को निशाना बनाया गया। प्रशासन और सरकार के प्रति लोगों का भरोसा समाप्त हो गया है। सरकार ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया है। जिले के सबसे सुरक्षित स्थान एसपी, कलेक्टर ऑफिस ही जला दिया जाए तो फिर सरकार का अस्तित्व कहां बचता है? मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिये।