रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस महकमें में दो नए डीजी बनाए गए हैं। भारतीय पुलिस सेवा के दो सीनियर अफसरों का प्रमोशन उन्हें एडीजी से डीजी बना दिया गया है। 1992 बैच के अरुण देव गौतम और 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता को डीजी बनाया गया है। तीन हफ्ते पहले ही डीपीसी में दो के नाम को हरी झंडी दे दी गई थी। मंगलवार की देर रात गृह विभाग की तरफ से इन दोनों के प्रमोशन का आदेश जारी किया गया है। इन दोनों के अलावा दो और सीनियर आईपीएस पवन देव और एसआरपी कल्लूरी का नाम भी था, लेकिन पुराने विवाद की वजह से दोनों का लिफाफा बंद कर दिया गया। 5 अगस्त को डीजीपी अशोक जुनेजा रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सबसे सीनियर अरुण देव गौतम का नाम डीजीपी बनाने की लिस्ट में टॉप पर है।



1992 बैच के दो अफसर पवन देव और अरुण देव गौतम के अलावा 1994 बैच के दो अफसर हिमांशु गुप्ता और एसआरपी कल्लूरी ने डीजी बनने की 30 साल की सेवा की मियाद पूरी कर ली है। पवन देव और अरुण देव दो साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। पदोन्नति की पात्रता रखने वाले ये चारों अधिकारी एडीजी थे। इनमें से दो को डीजी बना दिया गया है। इन में से एक को डीजीपी और एक को स्पेशल डीजी बनाया जाएगा।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से डीजीपी अशोक जुनेजा को हटाए जाने की चर्चा तेज हो गई थाी, लेकिन यूपीएससी से दो साल की नियमित नियुक्ति मिलने की वजह से उन्हें कंटीन्यू किया गया। नए अफसरों को प्रमोशन दिए जाने के बाद पीएचक्यू में फेरबदल होना तय माना जा रहा है। वर्तमान में पवन देव छत्तीसगढ़ पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन (सीजीपीएचसी), अरुण देव गौतम गृह विभाग के सचिव, हिमांशु गुप्ता मुख्यालय में एडीजी प्रशासन और एसआरपी कल्लूरी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में पदस्थ हैं।
डीजीपी बनने की रेस में प्रदेश के पांच आइपीएस अफसरों का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा है। इनमें से अरुण देव गौतम को मौका मिल सकता है। 1992 बैच के अरुण देव गौतम सितंबर 2027 में सेवानिवृत होंगे। लंबे कार्यकाल को देखते हुए पुलिस मुखिया बनाने पर विचार किया जा रहा है।