भोपाल। मध्यप्रदेश में शुक्रवार कांग्रेसी महकमें तब हड़कंप मच गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सीएम मोहन यादव से मिलने मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे। वे सीएम हाउस में ही थे, तभी कुछ ही मिनटों बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी पहुंच गए। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई तो कांग्रेसियों में हड़कंप मच गया। वजह यह थी कि दिन भर कांग्रेस नेताओं के साथ रहने के बाद दिग्विजय सिंह शाम को अचानक मुख्यमंत्री निवास पहुंच गए। उनकी पहले से जाने की तैयारी थी, लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लगी। जब तक वे बाहर नहीं आए तब तक प्रदेश की सियासत गरमा हुई थी। दिग्विजय सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर की CM मोहन यादव से मुलाकात और बातचीत की खबर बाहर आते ही राजनीतिक गलि​यारों में हलचल मच गई। बाद में मालूम चला कि दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव से नर्सिंग घोटाले पर कांग्रेसी रुख पर बात की। उन्होंने सीएम को ज्ञापन देकर कहा कि नर्सिंग छात्रों के हित जल्दी निर्णय लें, ताकि छात्रों को राहत मिले। दिग्विजय सिंह के कार्यालय ने खुद ही इस संबंध में प्रेस नोट जारी कर स्थिति साफ की।

दिग्विजय सिंह करीब 5.35 बजे सीएम हाउस पहुंचे और महज 15 मिनट में ही वहां से रवाना भी हो गए। खास बात यह है कि प्रदेश के सीएम मोहन यादव से मिलने सीएम हाउस पहुंचे कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने उनसे अकेले में बातचीत भी की। दिग्विजय सिंह के सीएम हाउस पहुंचने के कुछ मिनटों के अंदर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी वहां आ पहुंचे। बताया जा रहा है कि ​दिग्विजय सिंह ने नर्सिंग घोटाले के संबंध में सीएम मोहन यादव से बात की। गौरतलब है कि कांग्रेस नर्सिंग घोटाले में मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग कर रही है।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार और कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के साथ सीएम डॉ. मोहन यादव को एक पत्र सौंपा। पत्र में लिखा- मध्यप्रदेश में विगत वर्षों में हुए नर्सिंग कॉलेज घोटाले से आप पूर्ण रूप से परिचित है। विधानसभा में आपने मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच का भरोसा भी दिलाया है। हाईकोर्ट के संज्ञान के साथ-साथ निर्देशों पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पत्र में आगे लिखा- आपको विदित है कि प्रदेश में नियम विरुद्ध खोले गए सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज में हजारों की संख्या में छात्रों ने चिकित्सा सेवा में भविष्य बनाने के लिए प्रवेश लिया था। उन्होंने 5 पॉइंट में अपनी बात कही। पहला नर्सिंग छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं के लंबे समय के बाद भी हजारों छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए गए। दूसरा विश्व विद्यालय सत्र 2021-22, 2022-23 के छात्र छात्राओं की नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाया। ऐसे में परीक्षा कब होगी, यह कह पाना संभव नहीं है। छात्र 3-4 साल से फर्स्ट ईयर में ही है। तीसरा  पीएनएसटी (प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट) 2022 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने आयोजित करवाई थी। जिसमें 66 हजार छात्राओं ने परीक्षा दी थी लेकिन परीक्षा परिणाम आज तक जारी नहीं किए गए। चौथा 66 अपात्र नर्सिंग कॉलेजों के हजारों छात्र-छात्राओं को पात्र नर्सिंग कॉलेजों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करना चाहिए। और पांचवा सरकार की लापरवाही की वजह से लाखों नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के जो 3-4 साल बर्बाद हुए हैं उसके एवज में सरकार को छात्र-छात्राओं को फीस में छूट देनी चाहिए।