प्रयागराज। कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों पर नाम और पहचान लिखे जाने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी का पोस्टर लगाया जा रहा है। पिछले करीब डेढ़ साल से राहुल गांधी नफरत के खिलाफ मोहब्बत की दुकान के नाम की मुहिम चला रहे हैं। इसी मुहिम “मोहब्बत की दुकान” का पोस्टर तैयार किया और कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों में चस्पा कर दिया गया। कांग्रेसियों ने दुकानों पर पोस्टर चस्पा किए हैं। जिस पर लिखा है मोहब्बत की दुकान, नो हिंदू-मुसलमान। पोस्टर पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की फोटो भी लगी है।

योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान पर नाम और पहचान लिखे जाने का विरोध करते हुए कांग्रेसियों ने जगह-जगह मोहब्बत की दुकान का पोस्टर चस्पा किया। कांग्रेस नेता इरशाद उल्ला व अब्दुल कलाम आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। यह देश की गंगा जमुनी तहजीब की संस्कृति के खिलाफ है। देश में मोहब्बत भाईचारा एकता की बात होनी चाहिए न कि हिंदू और मुसलमान को अलग करने की बात करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार का यह आदेश देश को बांटने का कार्य कर रहा है। यह गलत है। यह अध्यादेश वापस होना चाहिए। मुस्लिम भाई कावड़ियों पर यात्रा में फूलों की वर्षा करते हैं। पानी शरबत लंगर करके उनका स्वागत करते हैं। ऐसे में इस तरह का अश्यादेश लोगों में नफरत पैदा करने और लोगों को बांटने का काम करेगा।
RSS समर्थित संगठनों ने किया विरोध
कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर ‘ नेमप्लेट’ लगाने के फैसले के खिलाफ जगह-जगह से विरोध के स्वर सुनाई दिए। गठबंधन में शामिल एनडीए के सहयोगी दलों ने भी इस पर ऐतराज जताया। इसका असर यह रहा है कि RSS समर्थित संगठन ने आपात बैठक बुलाई और फैसला लिया कि मुस्लिम समाज कांवड़ियों का दिल खोलकर स्वागत करेगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि विपक्ष के एजेंडे को जवाब देने की तैयारी की। इसके लिए यात्रा का मुस्लिम समाज से स्वागत कराने की बात कही गई है।