टीआरपी डेस्क। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच 18 जुलाई को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के हादसे की वजह सामने आ गई है। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि इस हादसे का कारण रेलवे के इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही थी। इस हादसे की जांच में पाया गया कि रेल पटरी की फास्टनिंग सही नहीं थी, जिसके कारण गर्मी में पटरी ढीली हो गई थी।

18 जुलाई को दोपहर 2:28 बजे हादसे के समय डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा थी। 70 किमी पर बकलिंग के कारण ट्रेन पटरी से उतर गई। ट्रेन के 16 कोच पटरी से उतर गए और तीन एसी कोच पटरी पर पलट गए। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद से ही रेलवे की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

कीमैन ने ट्रैक में गड़बड़ी की जानकारी दे दी थी

डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के हादसे से पहले झिलाही के कीमैन ने पटरियों की कमजोरी के खतरे के बारे में जूनियर इंजीनियर को फोन पर जानकारी दी थी। लेकिन, अधिकारियों ने ट्रैक पर कोई चेतावनी संदेश नहीं दिया, जिससे पूरी गति से चल रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई। रेलवे द्वारा गठित जांच समिति ने लखनऊ रेलवे डिवीजन के झिलाही सेक्शन के इंजीनियरिंग विभाग को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

गड़बड़ी का पता चलने के बाद भी लापरवाही

मोतीगंज-झिलाही के बीच ट्रैक में गड़बड़ी का पता हादसे से लगभग एक घंटा पहले चल गया था। इसके बावजूद रूट पर कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया। अगर चेतावनी बोर्ड लगा होता, तो डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस 70 किमी प्रति घंटे की जगह 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती और यह हादसा टल जाता। हादसे के बाद 2:30 बजे सूचना स्टेशन मास्टर को दी गई थी।

41 रेलवे अफसरों और स्टाफ तलब किए गए

गोंडा, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी से 41 रेलवे अफसरों और स्टाफ को लखनऊ डीआरएम कार्यालय बुलाया गया है। माना जा रहा है कि उनके बयान दर्ज करने के बाद लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। इस हादसे के ठीक एक दिन बाद यूपी के अमरोहा में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई। मालगाड़ी के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए।

जलजमाव के कारण भी हादसा होने की आशंका

हादसे वाली जगह के आसपास पर पटरियों के आसपास जलजमाव भी देखा गया। ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि जलजमाव के कारण पटरियों की स्थिति कमजोर हो गई हो और ट्रेन के गुजरते समय मिट्टी धंस गई हो, जिससे यह हादसा हुआ। हालांकि, हादसे की असली वजह संयुक्त जांच टीम की रिपोर्ट से ही पता चलेगा।