रायपुर। कौशल्या विहार (कमल विहार सेक्टर-1) में स्वतंत्र मकान एवं जमीन दिलाने के नाम पर 33 लोगो से 91 लाख रूपये की धोखाधडी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वाही तीसरा और मुख्य आरोपी फरार है।

इस तरह आ गए झांसे में…

दरअसल राजधानी रायपुर के पटेल चैक, लालपुर में किराये का मकान लेकर अभय रियल इस्टेट कंट्रक्शन के नाम पर ऑफिस खोलकर लोगों को स्वतंत्र मकान और प्लॉट दिलाने का झांसा दिया गया। इस मामले में प्रार्थिया सरिता करकाड़े एवं अन्य 32 अन्य लोगों द्वारा लिखित शिकायत प्रस्तुत कर बताया गया कि वर्ष 2022 से जुलाई 2024 तक अभय कुमार यादव, निवासी उडिसा, एवं उनके साथी चेतना यादव एवं निहाल यादव निवासी लालपुर पटेल चैक ने मिलकर कमल विहार सेक्टर 01 में स्वतंत्र मकान व जमीन दिलाने के नाम पर प्रार्थिया एवं अन्य से 90,97,000/रु लिया, मगर काफी समय बीत जाने के बावजूद उन्हें न तो मकान और न ही प्लॉट मिला।

खातों में रकम के लेनदेन की हुई पुष्टि

धोखाधडी करने की शिकायत को गंभीरता में लेते हुए इसकी जांच की गई, जिसमें पीड़ितों का कथन लेकर आरोपी चेतना यादव व निहाल यादव के बैंक ऑफ बड़ौदा स्थित बैंक खातों की जांच करने पर आरोपियों द्वारा लोगों से स्वतंत्र मकान एवं जमीन दिलाने के नाम पर रकम का प्राप्त करना पाया गया, जिस पर आरोपियों के विरूद्ध थाना टिकरापारा रायपुर में धारा 318(4), 3(5) भा.न्याय.संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय संतोष कुमार सिंह ने गंभीरता से लेते हुए प्रभारी टिकरापारा निरीक्षक मनोज कुमार साहू को आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया जिस पर थाना प्रभारी टिकरापारा द्वारा संयुक्त टीम तैयार किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा प्रकरण के आरोपियों का लगातार पता तलाश कर मुखबीरो के सहयोग से आरोपी चेतना यादव पिता देवप्रसाद यादव उम्र 25 साल और निहाल यादव पिता देवप्रसाद यादव उम्र 22 साल निवासी ग्राम लालपुर, छपोरा थाना विधानसभा, जिला रायपुर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर न्यायालय पेश किया गया है। बता दें कि दोनों आरोपी भाई-बहन हैं और इस मामले में तीसरा आरोपी उड़ीसा निवासी अभय यादव है, जो पकड़ा नहीं जा सका है।

इस मामले में पकड़े गए आरोपितों ने कहा कि उनकी रायपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी-कर्मचारियों से जान-पहचान होने के कारण आसानी से मकान व जमीन मिल जाएगा, ऐसा उन्होंने सोचा था, लेकिन जब पैसे देने के बाद भी मकान और जमीन नहीं मिला तब पीड़ितों ने थाने आकर शिकायत दर्ज करा दी।

किसी ने 6 तो किसी ने दे दिए 16 लाख रूपये

आरोपितों के इस झांसे में आकर 16 मार्च 2024 को सरिता ने 2.30 लाख रुपये दे दिए। इसी तरह से सरिता गोंड ने दो लाख रुपये,राधेश्याम सेन ने 6.07 लाख रुपये, रवि कुमार सेन ने 16.04 लाख रुपये, संतोषी सेन ने 2,81 लाख रुपये, मीना यादव ने 2.30 लाख रुपये, सोनिया पाल ने 2.72 लाख रुपये, इमलचंद साहू और अजय साहू ने 50-50 हजार रुपये,कुलेश्वर पटेल ने 2.40 लाख रुपये. पुष्पलता वर्मा ने 3-51 लाख रुपये, सरस्वती पाटिल ने 2.50 लाख रुपये, पुरुषोत्तम ध्रुव ने 2.10 लाख रुपये, नंदकुमार पटेल ने 50 हजार रुपये, चमन साहू ने 12 लाख रुपये, भुनेश्वरी साहू ने 50 हजार रुपये, कविता सेन ने 2.61 लाख रुपये, मौसम सिंह ने 2.30 लाख रुपये, राजू साहू ने 2.10 लाख रुपये, मेघनाथ साहू और राकेश कुमार निषाद ने 2.10 लाख रुपये, उधो राम साहू ने 50 हजार रुपये, पूजा पांडेय ने 65 हजार रुपये, राहुल वर्मा ने 1.91 लाख रुपये, हेमसिंह पटेल ने 2.70 लाख रुपये, कुलंवतिन साहू ने 3.10 लाख, नित्यानंद साहू ने 1.60 लाख रुपये, शीतल देवांगन ने एक लाख रुपये,हेमशंकर साहू ने 3.30 लाख रुपये, डिगेश्वरी सिन्हा ने 1.60 लाख रुपये, दीपा साहू ने 3.10 लाख रुपये, नरेंद्र कुमार गाते ने 1.90 लाख रुपये, मधु सिदार ने 65 हजार रुपये नगद व फोन पे के जरिए तीनों आरोपितों को दिया था।

इस तरह से 32 पीड़ितों से अभय कुमार यादव, चेतना यादव और उसके भाई निहाल यादव ने फर्जी फर्म के सहारे कुल 90 लाख 97 हजार रुपये ठग लिए। जब मकान व जमीन किसी को नहीं मिला तब पीड़ितों ने पैसा लौटाने को कहा जिस पर आरोपित टालमटोल करने लगे और फिर पुलिस में मामला दर्ज कराया गया।