रायपुर। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के कार्यालय में राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होनें अधिकारियों से कहा स्व-प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण से जुडे कार्यों में अपना योगदान दें।

उनके द्वारा कार्यों में पारदर्शिता एवं तत्परता हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति, सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने एवं डैश बोर्ड तैयार करने के निर्देश दिये गये ताकि डैश बोर्ड के माध्यम से अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की जा सके। ओपी चौधरी ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को मिलने का समय भी निर्धारित कर इसकी सूचना कार्यालय के सूचना पटल पर लगाने कहा।

ओपी चौधरी द्वारा उद्योगों द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन एवं निपटारे हेतु नियमों के पालन कड़ाई से कराने हेतु निर्देश दिया गया। फ्लाई ऐश लाने ले जाने के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम व जियो टेगिंग के उपयोग के निर्देश दिये, जिससे कि फ्लाई ऐश इधर-उधर न फेका जा सके।

उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उद्योगों को प्रदान किये गये पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में शामिल वृक्षारोपण की शर्त का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराये तथा उद्योगों केवल वृक्षारोपण करने तक सीमित ना रहें अपितु लगाये गये पौधों के संवर्धन हेतु भी निरीक्षण का एक सिस्टम तैयार किया जाये। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वें अपने-अपने क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करायें एवं इन पेड़ों में पीपल, नीम आदि पेड़ शामिल किये जाए।

ओपी चौधरी ने कहा की शीघ्र ही सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक ली जायेगी एवं प्रदूषण नियंत्रण सुधार कार्यों में बुद्ध जीवी वर्ग की मदद ली जायेगी। उन्होंने मंडल की पद संरचना की समीक्षा करते हुये मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में पुनः पदसंरचना निर्धारित करने के निर्देश दिये। उनके द्वारा सभी कर्मचारियों के डेटा को एच.आर.एम.एस. सिस्टम में एक माह के भीतर अपलोड करते हुये ऑनलाईन कार्यवाही के निर्देश दिये गये।