कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर की रेप के बाद की गई हत्या का मामला पूरे देश में तूल पकड़ता जा रहा है. कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी। इस बीच आरोपी संजय राय का साइको टेस्ट करने का फैसला किया गया है। इसके लिए सीबीआई की CFSL टीम टेस्‍ट करने के लिए कोलकाता पहुंच गई है। यह टेस्‍ट सीबीआई आरोपी संजय रॉय की मानसिक स्थिति पता लगाने के लिए की जा रही है

खुलेंगे कई राज…

ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय का साइकोलॉजिकल टेस्‍ट (Psychology Test ) होगा। सीबीआई मुख्यालय (CBI Headquarter ) में काम करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि साइकोलॉजी विशेषज्ञ (Psychology Expert Team ) की एक टीम टेस्ट करने के लिए कोलकाता पहुंच गई है। यह टेस्‍ट सीबीआई आरोपी संजय रॉय की मानसिक स्थिति पता लगाने के लिए की जा रही है। सूत्रों की मानें तो संजय रॉय के फोन से काफी आपत्तिजनक कंटेंट और वीडियो बरामद हुआ है।

ऐसे में जांच एजेंसियां आरोपी की मानसिक स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। ताकि रेप और हत्‍या के पीछे के कारण का पता लगाया जा सके। इस मामले में जांच एजेंसी की ओर से करीब 30 लोगों की पहचान की गई है। जिसके खिलाफ और उन लोगों से जुड़े अन्य कनेक्शन को खंगाले जा रहे हैं।

जांच टीम कर रही है पूछताछ

जांच एजेंसी की ओर से सवाल-जवाब के लिए सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की है। सवाल तैयार करने के लिए मृतका के माता-पिता को भी शामिल किया गया था, ताकि बेहतर तरीके से जांच–पड़ताल की जा सके। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित अस्पताल के कई सदस्य, मृतक ट्रेनी डॉक्टर के कई दोस्त और दुष्कर्म-हत्या वाले दिन ड्यूटी पर तैनात कोलकाता पुलिस के जवानों और अन्य निजी गार्ड से पूछताछ की जा रही है। 17 अगस्त को ही सीबीआई की टीम दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय राय के घर पहुंची। संजय राय की मां से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है।

सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि संजय रॉय के मोबाइल से काफी पॉर्न वीडियो मिले हैं। ऐसे में सीबीआई अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं आरोपी ने इससे पहले भी, तो किसी जुर्म को अंजाम नहीं दिया है? ऐसा माना जा रहा है कि साइकोलॉजिकल टेस्‍ट में संजय रॉय के कई राज सामने आ सकते हैं।

मृतक डॉक्टर की डायरी से होंगे नए खुलासे

सीबीआई को मृतक डॉक्टर की डायरी भी मिली है, जो घटना स्थल से बरामद हुई थी। डायरी में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज हैं, जिसमें दवाओं की सूची भी शामिल है। डायरी के कुछ पन्ने फटे हुए हैं, जिससे सीबीआई को लगता है कि घटना के समय डॉक्टर ने संघर्ष किया होगा। इससे यह बात तो साफ है कि उस डायरी में कोई तो राज डॉन था। हालांकि कोलकाता पुलिस ने डायरी के फटे हुए पन्नों को सीबीआई अधिकारियों को सौंप दिया है। डॉक्टर पढ़ाई में काफी अच्छी थी और एमडी में गोल्ड मेडल लाने के लिए मेहनत कर रही थी, जो उसकी डायरी से स्पष्ट होता है।

डॉक्टरों पर भी सीबीआई की कड़ी नजर

सीबीआई ने अस्पताल के सुरक्षा सुपरवाइजर और गार्डों को भी तलब किया है। मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने सीबीआई को कुछ डॉक्टरों और इंटर्न के नाम दिए हैं, जिन्हें हत्या में शामिल होने का शक है। माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार और हत्या में एक ही व्यक्ति का हाथ नहीं हो सकता; बल्कि, इसमें अस्पताल के डॉक्टरों और सहकर्मियों की भूमिका हो सकती है।

कैसे होता है साइको टेस्ट?

सीबीआई के सूत्र के मुताबिक किसी भी आरोपी का जब साइको -एनालिसिस टेस्ट ( Psychoanalysis Text ) होता है। तब इस प्रक्रिया में करीब 3 घंटे से ज्यादा का समय लगता है। इस प्रक्रिया के तहत आरोपी की साइकोलॉजी को जानने के लिए कई तरह का टेस्ट किए जाते हैं। जिससे की उसकी आदतों और व्यवहार के साथ -साथ उसकी समझ को भी जानने और समझने की कोशिश की जाती है। इस टेस्ट के दौरान मनोचिकित्सक आरोपी से कई तरह के सवालों को बेहद शांत तरीके से करने का प्रयास करता है। इसमें आरोपी के जेहन में घूम रही बातों और उसकी आदतों को एक जवाब के तौर पर जानने का प्रयास किया जाता है। इससे उसके गुनाहों से संबंधित कई सवालों को घुमा-फिराकर कई तरह के सवाल किए जाते हैं, जिससे की गुनाह करने की असलियत को समझा जा सके।

निर्भया की मां ने दिया ये बयान

कोलकाता रेप-मर्डर केस पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ किया गया है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को न्याय के दायरे में लाने के लिए कानून जरूर बने। लेकिन कोई काम नहीं हुआ। निर्भया के दोषियों को 2020 में फांसी दे दी गई, लेकिन उससे पहले और बाद में इतनी घटनाएं हुईं…किसको मिला न्याय? आए दिन घटनाएं हो रही हैं।

अगर आप दोषियों को सजा नहीं देंगे, उन्हें जेल में डालोगे, उन्हें खाना खिलाओगे और उनकी जरूरतों का ख्याल रखोगे तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी? जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, जब तक फास्ट ट्रैक कोर्ट में काम नहीं होगा और जो कानून बने हैं उस पर काम नहीं होगा, तब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी और महिलाएं सुरक्षित नहीं होंगी।