राजनांदगांव। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी ने बिलासपुर के बाद राजनांदगांव इलाके में भी दस्तक दे दी है। स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले में दो लोगों की मौत हो गई। दोनों का दाह संस्कार प्रोटोकॉल के तहत किया गया है। चुनिंदा परिजनों, रिश्तेदारों और मेडिकल टीम की निगरानी में अंत्येष्टि की गई है।

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक 16 अगस्त को राजनांदगांव जिले के घुमका क्षेत्र के भालूकोन्हा और डोंगरगढ़ के बरनारा गांव में चार साल का मासूम स्वाइन फ्लू से पीड़ित मिला था। सेहत में लगातार गिरावट के चलते नांदगांव के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान मरीज की सेहत लगातार बिगड़ती चली गई। जांच में स्वाइन फ्लू के वायरस एच-1 एन-1 से ग्रसित होने की पुष्टि हुई। एहतियातन अस्पताल प्रबंधन ने सीएमएचओ कार्यालय को सूचित कर दिया। चार साल के इस मासूम की बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई है

उधर खैरागढ़ जिले के छुईखदान के रहने वाले एक युवक को इसी बीमारी की चपेट में आने से गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह भी काफी कमजोर स्थिति में अस्पताल पहुंचा। इस मरीज को भी बचाया नहीं जा सका। मृतक छुईखदान में अस्थाई तौर पर रहते हुए कपड़ा प्रेस करने का पुश्तैनी काम करता था। अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई। गंभीर स्थिति होने के कारण वह वायरस से लड़ नहीं सका, जिससे उसकी मौत हो गई।छुईखदान बीएमओ डॉ. मनीष बघेल के मुताबिक मृतक की अंत्येष्टि प्रोटोकॉल के तहत ही की गई है।

गर्भवती महिला को भी संक्रमण

इधर एक गर्भवती भी इस स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गई है। उसका दुर्ग के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

स्वाइन फ्लू से अब तक 5 की मौत

बता दें कि बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू से 3 की मौत हो चुकी है। इस तरह प्रदेश में अभी तक 5 की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। राजनांदगांव-खैरागढ़ क्षेत्र में स्वाइन फ्लू की वजह से हुई दो मरीजों की मौत के बाद स्वास्थ्य अमला अलर्ट हो गया है। गौरतलब है कि 2015 में स्वाइन फ्लू से राजनांदगांव जिले में 7 लोगों की मौत हो गई थी।

राजनांदगांव सीएमएचओ डॉ. नेतराम नवरतन ने आम लोगों से अपील की है कि मौसम के उलटफेर के कारण सावधानी बरतते हुए भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें। ऐसा करने से उनका संक्रामक रोगों से बचाव हो सकेगा।