0 आप भी कर सकते हैं जनसमस्या निवारण काॅल सेंटर पर कॉल
रायपुर। राजधानी के एक निजी अस्पताल को मरीज से इलाज के एवज में अधिक रकम लेना महंगा पड़ा। इस मामले की शिकायत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती मानी और निर्धारित दर से ज्यादा वसूली गई रकम वापस की।
छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय के सुशासन में एक फोन कॉल पर समस्या का समाधान हो गया। रायपुर के जोन क्रमांक 10, तेलीबांधा निवासी भावेश बेन के परिजनों ने SMC अस्पताल प्रबंधन पर इलाज के दौरान ज्यादा राशि लिए जाने की शिकायत की थी। मरीज के परिजनों ने बताया कि 20 जुलाई 2024 को भावना बेन को मोवा स्थित SMC हार्ट हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई। जिसके लिए प्रबंधन ने उनसे आयुष्मान योजना के तहत 2 लाख 12000 रूपए की राशि ली थी। जबकि आयुष्मान योजना से महज 72200 रूपए ही ब्लॉक किए गए थे। परिजनों के अनुसार उनसे 1 लाख 34 हजार रूपए ज्यादा लिए गए हैं।
परिजनों ने इस मामले की कलेक्टोरेट के जनसमस्या निवारण कॉल सेंटर में फोन किया। जिसके बाद संबंधित अस्पताल को तलब करते हुए वसूली गई रकम की पूरी जानकारी मांगी गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने गलती मानी और मरीज के परिजनों को इलाज के दौरान ज्यादा ली गई राशि 1 लाख 34 हजार रूपए को नगद वापस किया। समस्या का निदान होने पर भावेश बेन सहित उनके परिजन काफी खुश हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है।
अधिकांश निजी अस्पताल ले रहे हैं अतिरिक्त रकम
जिला प्रशासन रायपुर ने जनसमस्या निवारण काॅल सेंटर की शुरुआत करके अच्छी पहल की है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं, मगर जिस तरह SMC हॉस्पिटल ने मरीज से इलाज के बदले ज्यादा रकम की वसूली की है, वैसा ही अधिकांश निजी अस्पताल कर रहे हैं। अधिकांशतया किसी भी मरीज को आयुष्मान योजना के तहत भर्ती करने के दौरान अस्पताल प्रबंधन द्वारा यह बताने की कोशिश की जाती है कि इस योजना के तहत संबंधित बीमारी के तहत जो रकम मिलती है वह इलाज के खर्च से काफी काम होती है, अतः बकाया रकम आपको अलग से देनी होगी। ऐसी स्थिति में परिजनों को अस्पताल प्रबंधन की बात माननी पड़ती है। मगर जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, वे अगर इससे इंकार करते हैं तो उन्हें मरीज को कहीं और ले जाने को कह दिया जाता है।
‘सरकारी तंत्र और अस्पताल संचालकों की मिलीभगत’
सामाजिक कार्यकर्त्ता ममता शर्मा ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व में ऐसे कई मामले उजागर भी हुए हैं मगर संबंधित विभाग के अधिकारी उचित कार्रवाई नहीं करते। इससे साफ है कि सरकारी अमले और अस्पताल संचालकों के बीच मिलीभगत है। जबकि ऐसे मामलों में अस्पताल प्रबंधन पर FIR भी दर्ज होनी चाहिए, मगर उन्हें बचा लिया जाता है।
ममता शर्मा ने कहा कि अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर लोग ही आयुष्मान जैसी योजना के तहत अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, मगर प्रबंधन द्वारा दबाव डालकर उनसे अधिक रकम की मांग की जाती है। ऐसे मामले में कठोर कार्रवाई करने की जरुरत है।
समस्या है तो आप भी कर सकते हैं शिकायत
अगर आप भी इस तरह की समस्या से पीड़ित हैं तो इसकी शिकायत रायपुर जिला प्रशासन के काॅल सेंटर के माध्यम से भी ऑनलाइन या फिर कॉल करके दर्ज करा सकेंगे। यह सुविधा 24 घंटे मिलेगी और त्वरित समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। इसके लिए हेल्पलाइन नंबरी भी जारी किया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा काॅल सेंटर में मोबाइल नंबर 9977222564, 9977222574, 9977222584, 9977222594 पर काॅल कर शिकायत दर्ज करा सकते है। दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा दी गई है। इस काॅल सेंटर में दिव्यांग भी अपनी समस्याओं से जिला प्रशासन को अवगत करा सकते है। दिव्यांगों की समस्याएं वीडियो काॅल में सांकेतिक माध्यम से सुने जाएंगे।
ऐसे होगा शिकायतों का निवारण
- हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से आवेदक काॅल कर अपनी समस्या शिकायत दर्ज कराएंगे।
- काॅल सेंटर की टीम शिकायतकर्ता व आवेदक से बात करती है, उनकी समस्या सुनती है और उसे काॅल सेंटर के पोर्टल पर दर्ज किए जाएंगे।
- केस दर्ज करने के बाद व्हाट्सएप के द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारी को मामले की जानकारी भेजी जाएगी।
- प्रकरण का त्वरित निराकरण किया जाएगा
- जब तक शिकायत का निराकरण नहीं होता, तब तक काॅल सेंटर समस्याओं पर संबंधित विभाग एवं अधिकारी से फाॅलोअप करेगा।
- समस्या के निराकरण हो जाने पर आवेदक को काॅल करके सूचित किया जाएगा और पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।