कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी में जीआरपी थाने के अंदर थाना प्रभारी अरुणा वाहने द्वारा दलित महिला और उसके पोते के साथ बेरहमी से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। कांग्रेस ने इस मामले का जबर्दस्त विरोध किया था। अब सीएम मोहन यादव के निर्देश के बाद बड़ा एक्शन लेते हुए टीआई समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। डीआईजी रेल, एसपी रेल जबलपुर रेंज कटनी पहुंच गए हैं। डीआईजी रेल मोनिका शुक्ला इस मामले की जांच करेंगी।

एसपी ने दी यह जानकारी

पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) सिमला प्रसाद ने बताया, “दीपक वंशकार नाम का एक व्यक्ति था जिसके खिलाफ 19 मामले दर्ज हैं और वह फरार था। उसे जिला बदर भी कर दिया गया था। उसके परिवार के सदस्यों को पिछले साल अक्टूबर में इसी संबंध में पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था।’’

एसपी प्रसाद ने बताया, “पूछताछ का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। महिला और नाबालिग के खिलाफ भी कटनी में मामले दर्ज हैं। वीडियो में दिख रहे सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।”

एसपी प्रसाद ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि महिला और उसके पोते के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया और घटना का आधिकारिक फुटेज कैसे सार्वजनिक हो गया।

कांग्रेस ने ट्वीट कर जताया विरोध

कटनी जीआरपी थाने में दलित महिला और उसके नाबालिग बच्चे से बर्बरता पूर्वक हुई मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया एक्स पर एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट किया था। विपक्षी दल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, “मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, क्या आप हमें बताएंगे कि मध्य प्रदेश में क्या हो रहा है? कानून-व्यवस्था बनाए रखने की आड़ में आपका पुलिस विभाग गुंडागर्दी कर रहा है और लोगों की जान लेने पर आमादा है।” जिसके बाद मध्यप्रदेश में दलितों को लेकर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस मामले को लेकर सीएम मोहन यादव और भाजपा सरकार पर हमलावर हैं, वहीं बीजेपी नेताओं को बचाव में उतरना पड़ा है।

इस मांमले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जीआरपी कटनी पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा पिटायी किये जाने का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। मैंने इसका संज्ञान लेने के बाद उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रेल को घटना की जांच के लिए मौके पर जाने को कहा है। प्रारंभिक जांच के आधार पर, मैंने तत्कालीन जीआरपी पुलिस थाना प्रभारी, एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है।”