नेशनल डेस्क। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए डॉक्टर रेप-मर्डर केस को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है। उन्होंने पहले भी इस मामले में कड़े केंद्रीय कानून की मांग की थी, लेकिन अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। ममता बनर्जी ने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई और अपराधियों को कड़ी सजा देने की जरूरत है।

महिलाओं की सुरक्षा पर सीएम ने लिखा…

ममता बनर्जी ने अपने पत्र में इस संवेदनशील मुद्दे पर केंद्रीय कानून बनाने की बात लिखी है। बंगाल की सीएम ने लिखा है कि अगस्त में मैंने आपको चिट्ठी लिखी थी, जिसमें रेप मामलों के लिए कड़े कानून की मांग की थी। लेकिन इस मुद्दे पर अब तक कोई जवाब नहीं मिला। यह मामला न केवल महिलाओं की सुरक्षा का है, बल्कि समाज के लिए भी गंभीर है।

महिला और बाल विकास मंत्रालय से असंतोष

ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बताया कि उन्हें महिला और बाल विकास मंत्रालय से एक सामान्य जवाब मिला है। ममता ने कहा कि कि इस प्रतिक्रिया में मामले की गंभीरता को ठीक से समझा नहीं गया। चिट्ठी में ममता बनर्जी ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी चर्चा की। ममता बनर्जी ने लिखा है कि राज्य सरकार के ओर से उठाए गए कदमों को केंद्र सरकार ने नजरअंदाज कर दिया।

POCSO कोर्ट्स और फास्ट-ट्रैक अदालतें

ममता बनर्जी ने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि राज्य सरकार ने 10 विशेष POCSO कोर्ट को मंजूरी दी है। इसके अलावा, 88 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें और 62 POCSO कोर्ट राज्यभर में संचालित हो रही हैं। ये अदालतें पूरी तरह से राज्य सरकार के वित्त पोषण से चल रही हैं और मामलों की निगरानी और निपटारा इन अदालतों द्वारा किया जा रहा है।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स पर जताई आपत्ति

ममता बनर्जी ने पत्र में यह भी बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार, फास्ट ट्रैक कोर्ट में केवल सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को ही अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन हाई कोर्ट ने कहा है कि मामलों की गंभीरता को देखते हुए स्थायी न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति जरूरी है। इसके लिए केंद्र सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की गई है।

राज्य में हेल्पलाइन नंबर हो रहे ऑपरेट

ममता बनर्जी ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि राज्य में हेल्पलाइन नंबर 112 और 1098 सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, इमरजेंसी स्थितियों में डायल – 100 का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमानल किया जा रहा है। राज्य सरकार ने कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन हेल्पलाइन नंबरों के जरिए मिलने वाली शिकायतों की उनकी निगरानी की जा रही है।