टीआरपी डेस्क। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा के विशेष सत्र (Bengal Assembly news) के दूसरे दिन बंगाल सरकार ने दुष्कर्म विरोधी संशोधन विधेयक (अपराजिता विधेयक) पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय और दुष्कर्म के दोषियों को त्वरित व सख्त सजा देना है।

विधेयक में दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों के अंदर मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। दुष्कर्म विरोधी इस विधेयक का नाम अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 है। राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायक भी इस विधेयक का समर्थन करेंगे। मंगलवार को ही सदन से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास भेज जाएगा।

एंटी रेप बिल के बारे में जानिए

  • इस बिल के भीतर रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान. 
  • बिल में दोषी को 10 दिन में मौत की सजा देने और मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का प्रावधान है.
  • 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी.
  • अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान.
  • हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान.
  • रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन.
  • रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान. 
  • पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान.
  • विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल. 
  • सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान.