बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वन सेवा परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामलों पर गंभीर कदम उठाते हुए अपर मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। बता दें कि अपर मुख्य सचिव ने अदालत के आदेश को दरकिनार करते हुए चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति देने के बजाय प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को मौका देने का निर्णय लिया।

वन सेवा परीक्षा के दौरान पैदल चाल परीक्षण में भारी अव्यवस्था की सूचना के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाए। पैदल चाल परीक्षण में उम्मीदवारों को 4 घंटे में 26 किमी की दूरी तय करनी थी, लेकिन आयोजन स्थल की अव्यवस्था के कारण कई उम्मीदवारों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।

अदालत के आदेश की अनदेखी

पिछले आदेश के विपरीत, अपर मुख्य सचिव ने पुराने आदेशों को दरकिनार करते हुए प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को मौका देने का निर्णय लिया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 8 अगस्त को अवमानना नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ताओं को उनकी याचिका वापस लेने की सलाह दी, और इसके फलस्वरूप योगेश बघेल और अन्य ने 9 अगस्त को अपनी याचिका वापस ले ली।

पीसीसीएफ और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ने स्वीकार किया कि पैदल चाल परीक्षण आदर्श माहौल में नहीं हुआ। इसे खेल मैदान के बजाय खुले रोड पर आयोजित किया गया, और आयोजन के दिन अत्यधिक गर्मी और अन्य समस्याओं के कारण कुछ अभ्यर्थियों को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा।