रायपुर। प्रदेश में सीमेंट की कीमतों में 50 रूपये की बढ़ोत्तरी का सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के नेता विरोध कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सीमेंट की बढ़ी कीमतों पर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमेंट पर 50 रूपए प्रति बोरी की वसूली किसके लिए हो रही है। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के फंड जुटाने के लिए वसूली करा रही है। डॉ. महंत ने कहा कि भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी छत्तीसगढ़ में सीमेंट के एका एक बढ़े दर को लेकर सवाल उठाया है। बृजमोहन ने प्रति बोरी 50 रुपए के दर से कीमत में जो वृद्धि हुई है उसे कम करने को कहा है।
बृजमोहन ने कहा- कीमत कम कराये सरकार
उधर छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सीमेंट निर्माताओं द्वारा सीमेंट की कीमतों में ‘‘तेजी से’’ बढ़ोतरी किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।
‘निर्माण कार्य हो जायेंगे महंगे’
अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट की कीमतों में अचानक 50 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी से सड़क, भवन, पुल, स्कूल, कॉलेज और प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रभावित होंगी।
सीमेंट कंपनियों का रवैया निर्दोष लोगों को ‘लूटने’ वाला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को छह सितंबर को लिखे पत्रों में भाजपा सांसद ने कहा कि छत्तीसगढ़ के खनिज, लोहा, कोयला और ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध राज्य होने के बावजूद सीमेंट निर्माताओं ने एक गिरोह बनाकर तीन सितंबर से कीमतों में जबरदस्त वृद्धि कर दी। उन्होंने कहा कि सीमेंट कंपनियों का रवैया छत्तीसगढ़ के निर्दोष लोगों को ‘‘लूटने’’ वाला बन गया है।
सीमेंट निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
अग्रवाल ने कहा कि सरकार को सीमेंट निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी परियोजनाओं की लागत बढ़ जाएगी और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाना मुश्किल हो जाएगा, जो कि राज्य तथा देश के हित में नहीं है।
छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रह चुके अग्रवाल ने केंद्र और राज्य सरकार से सीमेंट कंपनियों की बैठक बुलाने और उनसे बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने के लिए कहने का आग्रह किया।