नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक संपन्न हुई। इस बार बैठक का सबसे बड़ा मु्द्दा हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी से छूट का रहा। बैठक के लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस फिलहाल सस्ता नहीं होने जा रहा है।

माल एवं सेवाकर (GST) से जुड़े मामलों पर अंतिम फैसला लेने वाली जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में सोमवार को एक बड़ा निर्णय लिया गया। इस बार की बैठक का सबसे मुख्य एजेंडा हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स से छूट देने का रहा। काउंसिल की बैठक के लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक इंश्योरेंस फिलहाल सस्ता होने नहीं जा रहा है, क्योंकि इस मसले पर अंतिम फैसले को अगली बैठक तक टाल दिया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की ये 54वीं बैठक हुई। दिल्ली में हुई इस परिषद की बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिध शामिल होते हैं।

जीएसटी छूट को लेकर सहमति बनी, लेकिन फैसला टला

जीएसटी काउंसिल की बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर सहमत बन गई है, फिर भी इस मसले पर अंतिम फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि टैक्स की दर को सटीक बनाने के लिए जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने सोमवार को परिषद के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की। इस फिटमेंट कमेटी में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल होते हैं।

फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट में लाइफ, हेल्थ और री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कटौती और उसके प्रभाव से जुड़े डेटा का एनालिसिस दिया गया है। एक सूत्र ने कहा कि बीमा पर जीएसटी दर में कटौती पर व्यापक सहमति बन गई है। परिषद की अगली बैठक में इसके तौर-तरीकों पर फैसला किया जाएगा।

इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी का मुद्दा काफी वक्त से चर्चा में है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को एक पत्र लिखकर इस टैक्स से राहत देने की अपील की थी, तब से ही विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनाए हुए है। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संसद में बजट पर चर्चा के बाद अपने जवाब में इस मुद्दे को जीएसटी काउंसिल में उठाने की बात कही थी।

₹2000 से कम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर GST का मामला अटका

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि जीएसटी परिषद ने तीर्थ यात्रा पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग स्वीकार कर ली है। अग्रवाल का कहना है कि 54वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग में छोटे डिजिटल ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है।

अग्रवाल ने कहा कि 2,000 रुपये से कम के ट्रांजैक्शन से होने वाली आय पर पेमेंट एग्रीगेटर्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं हुआ। प्रेमचंद अग्रवाल ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को फिटमेंट कमेटी को भेज दिया गया है।

धार्मिक यात्रा पर जीएसटी में कटौती

उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने आगे कहा कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं पर मौजूदा 18 फीसदी के मुकाबले 5 फीसदी शुल्क लिया जाएगा।

प्रेमचंद अग्रवाल ने यह भी कहा कि शिक्षण संस्थानों पर R&D पर GST को भी फिटमेंट कमेटी को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि DGGI ने IIT-दिल्ली, पंजाब यूनिवर्सिटी समेत सात यूनिवर्सिटी को 220 करोड़ रुपये के रिसर्च ग्रांट पर नोटिस भेजे थे।