0 इस जिले में मुस्लिम समाज ने ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में डीजे का उपयोग नहीं करने का लिया फैसला
रायपुर। बलरामपुर जिले में जिस शख्स को डीजे की तेज आवाज के चलते ब्रेन हेमरेज हुआ है, वह कोई और नहीं बल्कि डीजे के संचालक हैं और जगह-जगह कार्यक्रमों में डीजे बजाने जाया करते हैं। इधर शासन द्वारा डीजे पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर जारी गाइडलाईन का अब डीजे संचालक विरोध कर रहे हैं। डीजे संचालकों ने आजाद चौक थाने का घेराव किया और उसके बाद गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की ।
गणेश पंडाल में डीजे चलाते बैठे थे संचालक जायसवाल
बलरामपुर जिले में ब्रेन हैमरेज की घटना सनावल इलाके के ग्राम त्रिशूली की है। जहां के रहने वाले संजय जायसवाल टेंट हाउस और डीजे साउंड सर्विस का व्यवसाय करते हैं। परिजनों ने मीडिया को जो बताया उसके मुताबिक संजय जायसवाल गणेश पंडाल में बज रहे डीजे के पास बैठे हुए थे। इसी दौरान उन्हें सिर में तेज दर्द हुआ और उल्टी लगने लगा। ऐसा होते देख परिजन उन्हें बाइक पर बैठाकर घर की ओर ले जाने लगे। उन्हें घर के अंदर ले जाया जाता इससे पहले ही वे बेसुध होकर गिर पड़े। संजय को किसी तरह अंदर ले जाया गया। जहां उन्हें काफी उल्टियां हुईं।
परिजनों के मुताबिक संजय को प्राथमिक इलाज के बाद अंबिकापुर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सीटी स्कैन के बाद डॉक्टर ने बताया कि उनके दिमाग की नस फट गई है, जिसके चलते उन्हें यह समस्या आ रही हैं। डॉक्टर की मरीज से चर्चा के बाद यह तय हो गया कि संजय अक्सर कार्यक्रमों में डीजे का संचालन करते हैं, इस वजह से उन्हें बीते 15 दिनों से समस्या आ रही है। आखिरकार उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। बता दें कि संजय को बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया, जहां उनका इलाज नवकार हॉस्पिटल में चल रहा है। परिजनों के मुताबिक संजय का ऑपरेशन किया गया है और उनकी हालत में सुधार आ रहा है।
0 संजय जायसवाल के परिजन
शासन की गाइडलाइन के बाद प्रदेश भर में सख्ती
त्यौहारों और सार्वजनिक आयोजनों में बढ़ते जा रहे डीजे के चलन और अन्य वजहों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने इस बार सख्ती से कार्यवाही के लिए अलग से गाइडलाइन जारी किया है। इसमें सन 2017 में हाई कोर्ट द्वारा एक जनहित याचिका के मद्देनजर जारी किये गए गाइडलाइन का अक्षरशः पालन कराने की बात कही गई है।
क्या है इस गाइडलाइन में..?
राज्य शासन ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। इसमें प्रमुख बात यह है कि मिनी ट्रक, मेटोडोर, पिकप जैसे वाहनों पर साउंड सिस्टम फिट कर बजाने वालों के खिलाफ कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाएगी। ऐसे मामलों में बार-बार किसी वाहन द्वारा डीजे का परिवहन किया गया तो उसका परमिट रद्द किया जायेगा, और दोबरा नहीं दिया जाएगा। ऐसे वहां हाई कोर्ट के आदेश पर ही छूट सकेंगे। साथ ही इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अवमानना का प्रकरण भी दर्ज किया जायेगा।
गाइडलाइन में यह भी निर्देश है कि शादी, बर्थडे व धार्मिक आयोजनों में डीजे बजाने पर टेंट हाउस, डीजे देने वाले के सामान जब्त किए जाएंगे। चेतावनी देने के बाद भी डीजे बजाने पर एक्शन लिया जाएगा। साउंड सिस्टम और अन्य सामानों को जब्त कर लिया जाएगा। यह मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) के आदेश के बाद ही मिलेगा। हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद राज्य सरकार ने यह नई गाइडलाइन जारी की है।
विरोध पर उतरे डीजे संचालक
डीजे से होने वाले नुकसान को देखते हुए जहां एक ओर सरकार ने कड़ा गाइडलाइन जारी किया है, वहीं दूसरी ओर इसका विरोध करते हुए राजधानी के करीब 35 से अधिक डीजे संचालक सरकार की गाइड लाइन से राहत की मांग रहे हैं। डीजे संचालकों ने आजाद चौक थाने का घेराव किया जहां सीएसपी ने उन्हें एसएसपी से चर्चा करने को कह दिया। बताया जा रहा है कि इसके बाद डीजे संचालकों ने गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई। इसी कड़ी में आज डीजे संचालकों ने कलेक्टर गार्डन में प्रदर्शन भी किया। वे सरकार के फैसले से नाराज होकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि वे कोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे।
अंबिकापुर के मुस्लिम समाज का स्वागत योग्य फैसला
जहां एक ओर सरकार ने डीजे के नियम विरुद्ध संचालन पर सख्ती दिखाई है और इसका डीजे संचालक इसका विरोध कर रहे हैं, इस बीच अंबिकापुर के मुस्लिम समाज द्वारा किया गया फैसला प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया है।
बता दें कि 16 सितंबर को पूरे देश में ईद-मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाएगा। इस आयोजन के मद्देनजर मुस्लिम समाज ने यह तय किया है कि इस दौरान निकलने वाले जुलूस के दौरान डीजे या धुमाल नहीं बजाया जायेगा, साथ ही प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग भी नहीं किया जायेगा।
अंबिकापुर में इस आयोजन के लिए गठित सीरतुन्नबी कमेटी के संरक्षक शफी अहमद के नेतृत्व में वर्ष 2024 के अध्यक्ष (सदर) के रूप में दानिश रफीक को चुना गया है। कमेटी द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि शहर की 11 कमेटियों द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
दानिश रफीक ने इस मौके पर कहा कि डीजे की तीव्र ध्वनि से अब लोगों की जान पर बन आ रही है। तेज आवाज में डीजे बजने की वजह से बलरामपुर जिला निवासी एक युवक ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गया। इस घटना से सभी वर्ग के लोग हैरान हैं। इसे देखते हुए अंबिकापुर में मुस्लिम समाज के लोगों ने 16 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी पर डीजे नहीं बजाने का निर्णय लिया है।
उम्मीद की जा रही है कि अंबिकापुर में मुस्लिम समाज द्वारा जो फैसला किया गया है उसका अनुकरण करते हुए राजधानी रायपुर और प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के मौके पर डीजे और अन्य कानफोड़ू साउंड सिस्टम से परहेज किया जायेगा।