रायपुर। परीक्षा देने रायपुर से वांरगल जा रहे 52 छात्र ठगी का शिकार हो गए। ट्रैवल एजेंट ने उनसे नागपुर होते हुए वारंगल तक बस से ले जाने का सौदा करते हुए 1.06 लाख रूपए एडवांस के रूप में लिया। नागपुर पहुंचने के बाद बस ड्राइवर ने बताया कि बस को केवल नागपुर तक बुक किया गया है।
एम्स की परीक्षा देने रायपुर से वारंगल जाने के लिए छात्रों ने ट्रैवल एजेंट के माध्यम से बस की बुकिंग कराई थी। ट्रैवल एजेंट ने छात्रों से 1.06 लाख रूपए लिए और जब बस नागपुर पहुंची तो बस ड्राइवर ने छात्रों को छोड़ते हुए कहा कि मुझे यही तक बुकिंग मिली थी, आप अपने ट्रैवल एजेंट से बात कर लीजिए। छात्रों ने ट्रैवल एजेंट को फोन किया और नाराजगी जताते हुए पूरी बात बताई तो ट्रैवल एजेंट ने उन्हें 20 हजार देने पर वारंगल तक पहुंचाने की बात कही।
छात्रों ने 20 हजार रुपए दिए और बस से वारंगल पहुंचे। परीक्षा के 10 मिनट पहले ही छात्र अपने सेंटर तक पहुंचे और परीक्षा दी। बस ड्राइवर ने उन्हें वारंगल से फिर नागपुर लाया और वहीं छोड़ दिया। क्योंकि ट्रैवल एजेंट ने बस चालक को पूरा पेमेंट नहीं किया था। नागपुर पहुंचने के बाद ट्रैवल एजेंट से बात नहीं होने पर बस संचालक और छात्र नागपुर के गणेशपेठ पुलिस थाना पहुंचे और मामले की शिकायत की।
नागपुर पुलिस ने मामले को सुलझाते हुए शिकायत दर्ज की और बस संचालक को सभी छात्रों को सकुशल रायपुर छोड़ने निर्देशित किया। छात्रों ने रायपुर पहुंचकर टिकरापारा थाने में मामले की शिकायत की है। पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है। छात्रों ने एक लाख छह हजार रूपए में पूरी होने वाली इस सफर के लिए लगभग दो लाख रूपए का भुगतान किया।
एम्स नॉरसेट की परीक्षा देने वाले छात्रों ने बताया कि परीक्षार्थियों को हर परीक्षा में अलग-अलग सेंटर मिलता है। कई बार तो यह सेंटर छत्तीसगढ़ के शहरों में मिल जाता है लेकिन अधिकतर यह सेंटर जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, हैदराबाद, पुणे, दिल्ली जैसे दूर शहरों में दिया जाता है। इतनी दूर सेंटर मिलने से हमें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एम्स प्रबंधन को इस पर विचार करना चाहिए और यह कोशिश होनी चाहिए कि छात्रों को नजदीकी सेंटर मिले।