टीआरपी डेस्क। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘जनता की अदालत’ का आगाज़ करते हुए स्पष्ट किया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं है। उन्होंने अपने संबोधन में अन्ना आंदोलन के दिनों को याद किया, जब 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंतर-मंतर से यह आंदोलन शुरू हुआ था। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें सीएम की कुर्सी की भूख नहीं, बल्कि जनता की सेवा में ही उनकी प्राथमिकता है।
केजरीवाल ने बताया कि जब सरकार ने उन्हें चुनौती दी कि चुनाव जीतकर दिखाओ, तब उनके पास न पैसा था, न आदमी थे, न गुंडे। लेकिन, जनता के समर्थन से उन्होंने 2013 में साबित किया कि ईमानदारी से भी चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, केजरीवाल अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गए हैं। वह और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में ‘जनता की अदालत’ के माध्यम से जनता से सीधा संवाद करेंगे। इसके साथ ही, पार्टी की छवि को बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाई जा रही है, क्योंकि हाल के घटनाक्रमों से पार्टी को नुकसान हुआ है।
आतिशी बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री
15 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था, और अब आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनी हैं। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं, उनसे पहले शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज इस पद पर रह चुकी हैं।