बिलासपुर। हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों और शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद न्यायधानी स्थित सिम्स अस्पताल की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। आज स्वास्थ्य मंत्री ने सिम्स की अधिशाषी समिति की बैठक ली। इस दौरान सिम्स प्रबंधन की कार्यशैली पर स्वास्थ्य मंत्री ने तीखी नाराजगी जतायी और कड़ी फटकार लगायी। उन्होंने मौके से ही डीन डॉ. के के सहारे और एमएस डॉ. एस के नायक को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया।
‘सेवाभाव से काम करें डॉक्टर’
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि चिकित्सक सेवा भाव से काम करें। विष्णुदेव साय की सरकार सुशासन की पक्षधर, गरीब जनता का हित सर्वोपरी रखती है।
निर्माणाधीन अस्पताल भवन का किया निरीक्षण
इस बैठक से पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज बिलासपुर में सिम्स के विस्तार के रूप में कोनी में बन रहे मल्टी स्पेश्यालिटी हास्पिटल भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने 31 अक्टूबर 2024 तक तमाम निर्माण, खरीदी एवं भर्ती के कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि राज्य स्थापना सप्ताह के दौरान इसका लोकार्पण किया जा सके। उन्होंने अस्पताल भवन एवं अब तक उपलब्ध की गई सुविधाओं का सूक्ष्मता से अवलोकन किया।
गौरतलब है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की संयुक्त वित्तीय भागीदारी से लगभग 200 करोड़ रूपये की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। छह गंभीर रोगों के मरीजों के इलाज के लिए इसमें 240 बेड की सुविधा है। नया मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल ग्राउण्ड फ्लोर सहित 10 मंजिलों में बना है। मंत्री ने सभी कमरों में व्याप्त सुविधाओं और मशीन तथा उपकरणों का निरीक्षण किया। सिम्स के इस विस्तारित अस्पताल भवन में छह विशेषज्ञ वाले विभाग- नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, सीटीव्हीएस, न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी शामिल हैं। भवन का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग और उपकरणों की खरीदी केन्द्र सरकार की एजेन्सी हाईट्स द्वारा की जा रही है।