0 प्रदेश भर में रेत चोरों के हौसले हैं बुलंद
कवर्धा। रेत की चोरी और अवैध परिवहन की सूचना पर देर रात गई टीम पर रेत माफिया ने हमला कर दिया। इस घटना में सर्किल प्रभारी और एक अन्य कर्मी को चोटें आई हैं। इस मामले में पुलिस ने डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
वन विकास निगम सहायक परियोजना परिक्षेत्र पण्डरिया के कुकदुर बीट के सर्किल प्रभारी गणेश चन्द्रवंशी ने कुकदूर थाने की पुलिस को बताया कि उन्हें देर रात ग्राम डालामौहा के कुदुर झोरी नाला में रेत का अवैध उत्खनन करने की सूचना मिली थी, जिसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी रेंजर रविकांत चन्द्रा को देकर वे अपने स्टाफ अनिल कुर्रे, विनायक मानव मरावी, दिनेश कुमार वर्मा एवं चौकीदार लमान बैगा को लेकर रात्रि करीब 10.30 बजे कार्यवाही करने ग्राम डालामौहा गये।
कीचड़ में फंसा रेत से भरा ट्रेक्टर मिला, और…
गणेश चन्द्रवंशी ने बताया कि निरिक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि एक ट्रैक्टर ट्राली रेत से भरा कीचड़ में फंसा हुआ है। यहां वे नाले में उतरकर रेत के अवैध उत्खनन के स्पॉट की ओर जा ही रहे थे कि ग्राम पंडरीखार निवासी सालिक गोंड़ एवं 01 अन्य साथी तथा ग्राम डालामौहा निवासी पंचराम गोड का लड़का एवं उसके करीब 15 अन्य साथी के द्वारा तुम लोग रेत पकड़ते हो कहकर गाली-गलौच कर झूमा झपटी की गई और डंडे से जानलेवा हमला कर दिया गया। इस दौरान रेत माफियाओं ने दौड़ा- दौड़ाकर पीटा और इनकी वर्दी भी फाड़ दी। इस हमले में सर्किल प्रभारी और एक अन्य स्टाफ को गंभीर चोटें आयी हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हमलावरों के खिलाफ जुर्म दर्ज
इस मामले में पंडरिया एसडीओपी पंकज पटेल ने बताया कि वन विकास निगम की टीम रेत खनन को रोकने के लिए गई थी। इस दौरान 15 से 20 लोगों ने उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। इस मामले पर शासकीय कार्य में शासकीय सेवकों से मारपीट और उन्हें जान से मारने का प्रयास किया गया है। जिसके बाद 15-20 लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों के खिलाफ धारा – 296, 351(2), 221, 121(1), 132, 109(1), 191(2), 191(3), 190 भा.न्या.सं. के तहत जुर्म पंजीबद्ध किया गया है।
रेत माफिया द्वारा हमले का यह कोई नया मामला नहीं है। प्रदेश भर में इस तरह की कई घटनाएं घट चुकी हैं। आलम ये है कि रेत की चोरियां खुले आम होती है और भय के चलते सरकारी अमला मौके पर नहीं जाता। ऐसे लोगों को किनका संरक्षण मिलता है, यह सहज तरीके से समझा जा सकता है।