टीआरपी डेस्क। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर, जो 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने जा रहे हैं, ने बिहार और राष्ट्रीय राजनीति को लेकर कई अहम बयान दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर प्रधानमंत्री बताया और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के भविष्य पर सवाल खड़े किए।
नरेंद्र मोदी को बताया कमजोर प्रधानमंत्री
प्रशांत किशोर ने अपने इंटरव्यू में कहा कि तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और प्रभाव पहले से कम हुआ है। उन्होंने कहा, मोदी जितनी भी सीटें ले आएं, लेकिन वह अब कमजोर प्रधानमंत्री साबित हो रहे हैं। लोग अब उनके कामकाज से परिचित हो चुके हैं और उनकी लोकप्रियता घट रही है।
नीतीश कुमार और JDU के भविष्य पर सवाल
बिहार की राजनीति पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (JDU), अब समाप्ति की ओर है। उन्होंने दावा किया, “नीतीश कुमार की पार्टी का कोई भविष्य नहीं है, क्योंकि पूरी पार्टी उन्हीं पर निर्भर है। अब नीतीश जी कमजोर हो रहे हैं और बिहार में अधिकारियों का शासन है।” उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की पूरी व्यवस्था अपने कुछ खास सलाहकारों को सौंप रखी है, और वे अब जनसंपर्क में कम नजर आते हैं।
शराबबंदी और अन्य मुद्दों पर आलोचना
प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार की शराबबंदी नीति और अन्य फैसलों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, शराबबंदी से बिहार को 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है, और इसके बावजूद शराब की होम डिलीवरी हो रही है। स्मार्ट मीटर और जमीन सर्वे के मुद्दे भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं।
भाजपा और नीतीश कुमार के संबंधों पर टिप्पणी
प्रशांत किशोर ने बिहार में भाजपा और नीतीश कुमार के गठबंधन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बिहार में कोई ठोस चेहरा नहीं है, और नीतीश कुमार के नाम पर चुनाव जीतना भाजपा के लिए संभव नहीं है। लेकिन बिहार में सरकार चलाने के लिए भाजपा को नीतीश के साथ समझौता करना पड़ रहा है।
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर भी निशाना
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए और कहा कि वे अपने पिता के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस में उनका नेतृत्व स्थापित हो गया है, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्हें अब भी लंबा रास्ता तय करना होगा।