बिजनेस डेस्क। अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के शेयरों में हाल ही में 60% तक की जबरदस्त तेजी देखने को मिली है, जो निवेशकों के लिए एक शानदार अवसर साबित हो रहा है। कंपनी ने कर्ज में कमी लाने और वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जिनका शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आइए जानते हैं इस घटनाक्रम की मुख्य बातें:

1) कर्ज में कमी लाने की पहल

रिलायंस ग्रुप ने हाल ही में अपने कर्ज में भारी कटौती की है, जिससे कंपनी के शेयरों में तेजी आई है। खासतौर पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में सितंबर के मध्य से लेकर अब तक 60% तक की उछाल आई है। कर्ज घटाने की इस पहल को निवेशकों ने सराहा है, जिससे भविष्य में कंपनी के और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

2) फंड जुटाने की योजना

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने 6,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) जैसे वित्तीय विकल्पों को शामिल किया गया है, जो कंपनी की वित्तीय स्थिति को और मजबूत करेंगे। साथ ही, प्रमोटर्स द्वारा 1,100 करोड़ रुपये का निवेश कंपनी की नेटवर्थ में सुधार करेगा।

3) कानूनी चुनौतियाँ और SEBI का प्रतिबंध

हालांकि, अनिल अंबानी को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। SEBI ने रिलायंस होम फाइनेंस में फंड के दुरुपयोग के आरोपों के चलते उन्हें पांच साल के लिए पूंजी बाजार में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बावजूद, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों पर इसका अधिक असर नहीं दिख रहा है।

4) शेयर बाजार की प्रतिक्रिया

कर्ज में कमी और फंड जुटाने की घोषणाओं के बाद, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में उछाल देखने को मिला है। रिलायंस पावर का बाजार पूंजीकरण ₹11,500 करोड़ से बढ़कर ₹14,600 करोड़ हो गया है, जो निवेशकों की बढ़ती उम्मीदों को दर्शाता है।

5) भविष्य की संभावनाएँ

विश्लेषकों का मानना है कि अगर अनिल अंबानी अपने कानूनी मसलों को सही तरीके से हल कर लेते हैं और वित्तीय योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करते हैं, तो कंपनी के शेयरों में और भी वृद्धि हो सकती है। कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को भी भविष्य में बड़े लाभ के रूप में देखा जा रहा है।

6) बाजार के रुझान

कर्ज में कमी और फंड जुटाने की योजनाओं से निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। इसके अलावा, बाजार की व्यापक दिशा और आर्थिक संकेतक भी रिलायंस के शेयरों के प्रदर्शन पर असर डाल सकते हैं।

7) कानूनी मामलों पर नजर

अनिल अंबानी के कानूनी मामलों में आने वाले अपडेट्स से शेयरों की कीमतों में अस्थिरता हो सकती है। निवेशकों को इन घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इनसे कंपनी के शेयरों की कीमतों पर बड़ा असर पड़ सकता है।