रायपुर। राजधानी में विवादों के घिरे साइंस कॉलेज मैदान पर लगभग 6 करोड़ की लागत से बनाए गए चौपाटी को हटाया जाएगा। रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत ने स्मार्ट सिटी के परामर्शदात्री समिति की बैठक में यह निर्देश दिया हैं। अब इस जगह छात्रों के लिए रीडिंग जोन और बच्चों के लिए प्ले जोन बनाया जाएगा। विधायक राजेश मूणत ने चौपाटी हटाने को लेकर निगम घेराव की चेतावनी दी थी और इसके बाद बैठक में चौपाटी के स्थान पर यूथ हब बनाने का निर्णय लिया गया।

विधायक मूणत ने बताया कि तत्कालीन सरकार और नगर निगम ने गलत जानकारी के साथ प्रोजेक्ट को शुरू किया। स्मार्ट सिटी को काम शुरू करने से पहले ये चेक करना होता है कि जमीन उनकी है या नहीं। खुद के जमीन पर ही निर्माण और टेंडर किया जाता है। लेकिन गलत तरीके से काम किया गया है।
पिछले साल की शुरूआत में साइंस कॉलेज मैदान के किनारे रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने चौपाटी बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके विरोध में राजेश मूणत ने लगातार 11 दिनों का धरना दिया था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ बीजेपी के अन्य नेताओं ने अपना समर्थन दिया। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर मूणत हाईकोर्ट गए और याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी पर गलत तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था।

फिलहाल सवाल यह है कि चौपाटी से अपनी आजीविका चलाने वाले वेंडरों को त्योहार के समय हटाने का यह फैसला लिया गया है। इनके लिए नए वेंडिंग जोन की क्या व्यवस्था होगी। इस पर जनप्रतिनिधि और जानकारों ने क्या कहा, पढ़िए…
रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने कहा कि साइंस कॉलेज मैदान के सामने से चौपाटी हटाई जाएगी और यहां रीडिंग जोन और प्ले जोन बनाया जाएगा। जहां तक चौपाटी के वेंडरों को शिफ्ट करने की बात है, उसकी व्यवस्था नगर निगम करेगा।
नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि स्मार्ट सिटी की बैठक में साइंस कॉलेज चौपाटी हटाने पर चर्चा की गई। चौपाटी को आसपास जगह तय कर शिफ्ट किया जाएगा। स्पॉट फाइनल होने के बाद शिफ्टिंग की कार्रवाई होगी।
चौपाटी हटाए जाने के मामले में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल और विधायक राजेश मूणत, दोनों मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं। अपनी मनमानी करने से पहले यह भी नहीं सोचा कि वे त्योहारी समय के बीच सैंकड़ों लोगों के पेट में लात मारने का काम कर रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा सामने रख लहर में चुनाव जीतने वाले खुद को शहर का मालिक समझ रहे हैं।
राष्ट्रीय हॉकर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष गौतम बंदोपध्याय ने कहा कि चौपाटी की जगह रीडिंग जोन और प्ले जोन बनाना अप्रासंगिक है। चौपाटी हटाया जाएगा तो वेंडर्स को उचित स्थान मिलेगा या नहीं। यह फैसला टाउन वेंडिंग कमेटी को करना होता है लेकिन कानूनी रूप से स्थाई कमेटी का गठन नहीं हुआ हैं। देश के सभी राज्यों में स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) एक्ट 2014 लागू है, जिसका मकसद शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडिंग को सुरक्षित करना है। इसके अनुसार हर स्ट्रीट वेंडर का सर्टिफिकेट और वेंडिंग कार्ड बनाया जाना चाहिए और वेंडिंग जोन को चुनने का अधिकार शहर के सत्यापित वेंडरों का होना चाहिए।
स्थानीय निवासी देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि चौपाटी नहीं हटानी चाहिए। परिवार सहित आसपास घूमने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है, जबकि मरीन ड्राइव और कटोरा तलाब इस क्षेत्र से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है। चौपाटी निर्माण के समय यह अंदेशा था कि यहां नशेड़ियों का जमवाड़ा होगा, माहौल खराब होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सामने सरस्वती नगर थाना है, पुलिस आसपास रहती हैं। विधायक राजेश मूणत से आग्रह है कि चौपाटी को न हटाया जाए, इससे लगभग 400 लोगों का रोजगार चलता है। किसी और जगह पर रीडिंग जोन व प्ले जोन बनाया जा सकता हैं।