0 छात्र के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद मुख्य आरोपी ने कर ली आत्महत्या
अंबिकापुर। एक दिन पहले ही सरगुजा के सूरजपुर जिले में पुलिस कर्मी की पत्नी और बेटी की हत्या के बाद एक और वारदात के प्रकाश में आने से माहौल फिर से गरमाने के संकेत हैं। यहां एक स्कूली छात्रा के साथ उसके ही एक सहपाठी समेत 5 लड़कों ने गैंगरेप किया। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने FIR नहीं लिखी। इस बीच पीड़िता की तबियत खराब होने पर उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में लाया गया। यहां पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया।

सहेलियों के साथ दशहरा देखने गई थी छात्रा
यह मामला सूरजपुर जिले के रामानुजनगर थाना क्षेत्र का है। यहां के श्रीनगर इलाके के एक गांव की 12वीं की छात्रा अपनी सहेलियों के साथ दशहरा का कार्यक्रम देखने गई थी। इस दौरान उसका एक सहपाठी कांता सिंह मिला, जिसने बातचीत के दौरान छात्रा को पीने के लिए पानी दिया। पानी पीते ही छात्रा को नींद आने लगी। तब उसने सहेलियों को घर चलने को कहा। इसी बीच कांता सिंह ने कहा कि उसे वो घर छोड़ देगा। परेशान छात्रा उसके साथ गाड़ी में बैठकर चली गई।

जंगल में दोस्तों ने किया गैंगरेप
आरोपी कांता सिंह ने छात्रा को अपनी गाड़ी में बिठाया और जंगल के रास्ते में ले गया। इस दौरान उसके चार अन्य दोस्त भी साथ थे। जंगल में कांता सिंह ने पीड़िता के साथ रेप की कोशिश की तो उसने विरोध किया। छात्रा के मना करने पर लड़कों ने उसके साथ मारपीट की और सभी ने बारी-बारी से छात्रा के साथ गैंगरेप किया। इस घटना के बाद पीड़िता बेहोश हो गई।
पीड़िता को मरा समझ कर रचा ये षड्यंत्र
पीड़िता के बेहोश होने पर आरोपियों ने मरा समझकर उसे जंगल में ही छोड़ा और फरार हो गये। जाते-जाते आरोपियों ने षड्यंत्र रचा और पीड़िता के हाथ में लिखा ‘MY JAAN KANTA’.
कांता सिंह की आत्महत्या से फैली सनसनी
इस मामले में जहां एक ओर पीड़िता को मेडिकल कॉलेज, अंबिकापुर में भर्ती कराने के बाद पुलिस ने गैंगरेप का मामले दर्ज किया, वहीं जिस कांता सिंह का नाम पीड़िता के हाथ पर लिखा हुआ था, उसने
छिंदीया के जंगल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उसकी लाश फंदे पर लटकी मिली है। रामानुजनगर पुलिस मौके पर पहुंच गई।

डॉक्टरों ने इलाज से किया मना, पुलिस ने FIR करने से..!
पीड़िता को काफी देर बाद होश आया तो वह किसी तरह घर पहुंची, जहां से परिजन उसे लेकर सरकारी हाॅस्पिटल पहुंचे। यहां डाॅक्टरों ने बिना FIR के पीड़िता का इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद जब परिजन नजदीक के थाने पहुंचे तब पुलिस वाले भी जिले में वीआईपी ड्यूटी का हवाला देकर FIR दर्ज करने से मना करते रहे। दरअसल जिले में CM का प्रवास था और इसी बहाने पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने से बचती रही। जिसके बाद परिजन पीड़िता को लेकर अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
पूर्व डिप्टी सीएम ने की पहल
बताया जा रहा है कि इस बात की जानकारी जब पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव को हुई तो उन्होंने आईजी अंकित गर्ग को फोन कर पुलिस की भूमिका को लेकर नाराजगी जताई और कार्रवाई करने को कहा। तब जाकर 48 घंटे बाद पीड़िता की शिकायत दर्ज की गई। इस मामले को लेकर यह जानकारी भी सामने आयी है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पुरुष पुलिस कर्मियों ने पीड़िता का बयान लिया। जबकि दुष्कर्म के मामले में महिला अधिकारी की निगरानी में पीड़िता का बयान लिए जाने का प्रावधान होता है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़िता का हाल जाना
इस मामले में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल देर रात मेडिकल कॉलेज हाॅस्पिटल पहुंचा। जहां पीड़िता के परिजनों से बातचीत के बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने हाॅस्पिटल के डाॅक्टरों को छात्रा का बेहतर उपचार करने को कहा। साथ ही पुलिस से आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।
उधर सूरजपुर में इस घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोग गुस्से में हैं और जिले की कानून व्यवस्था के ऊपर सवाल उठा रहे हैं। लोगों को नाराजगी इस बात की है कि गैंगरेप जैसे गंभीर मामले में पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने की बजाय पीड़िता को वापस भेज दिया गया। इस मामले में संबंधित थाने की पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है।