रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंच गई हैं। इस दौरान वे छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना के तहत राज्य की 70 लाख महिलाओं के खातों में एक हजार रुपये की राशि ट्रांसफर करेंगी।
इस बीच, छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज का एक प्रतिनिधिमंडल, वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के नेतृत्व में, राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। आदिवासी समाज का यह प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज की मौजूदा समस्याओं और चुनौतियों से अवगत कराएगा।
ये हैं प्रमुख मांगें
- धर्मांतरण पर सख्त कानून की मांगः आदिवासी समाज ने बताया कि छत्तीसगढ़, खासकर बस्तर संभाग में धर्मांतरण की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। आदिवासी समाज का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से ठोस कानून बनाकर इस पर रोक लगाने का अनुरोध करेगा ताकि राज्य की आदिवासी संस्कृति संरक्षित रह सके।
- औद्योगिक विकास के नाम पर जंगलों का संरक्षणः आदिवासी समाज ने औद्योगिक विकास के चलते हसदेव और बस्तर संभाग के जंगलों की कटाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि ये जंगल आदिवासियों के पूर्वजों द्वारा संजोए गए हैं और कोयला तथा लौह अयस्क खनन के कारण उजाड़े जा रहे हैं, जिससे आदिवासी समुदाय में नाराजगी है। आदिवासी समाज ने इस पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
- हसदेव संघर्ष जारीः हसदेव जंगल की रक्षा के लिए आदिवासी समुदाय द्वारा किए जा रहे आंदोलनों में पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगाया गया है। प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से आग्रह करेगा कि इस मामले का संज्ञान लेकर आदिवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
आदिवासी कुंभ का आयोजन
आगामी 8 से 10 दिसंबर को धमतरी-कांकेर मार्ग स्थित राजाराव पठार में वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर एक आदिवासी कुंभ का आयोजन होगा। इसमें धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर मंथन किया जाएगा, और केंद्र व राज्य सरकार से धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून की मांग की जाएगी।