दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पेश, 7 दिन की NIA रिमांड पर भेजा

टीआरपी डेस्क। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल में हुए इंटरव्यू पर सख्त टिप्पणी करते हुए पंजाब पुलिस पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि बिश्नोई को जेल में स्टूडियो जैसी सुविधा दी गई, जिससे अपराध को बढ़ावा मिल सकता है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट पर भी कोर्ट ने आपत्ति जताई और मामले की नए सिरे से जांच के निर्देश दिए।

पुलिस और अपराधियों के बीच मिलीभगत का संदेह

कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को भी फटकार लगाई। जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और लपिता बनर्जी की पीठ ने कहा कि निचले अधिकारियों को बलि का बकरा बनाना उचित नहीं है। सीनियर अधिकारियों की भूमिका पर भी ध्यान देने की जरूरत है ताकि पुलिस और अपराधियों के बीच किसी तरह की मिलीभगत का सच सामने आ सके।

जूनियर अधिकारियों पर कार्रवाई पर सवाल

पंजाब पुलिस ने इस मामले में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है, जिसमें दो वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। कोर्ट ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए केवल निचले अधिकारियों पर ही कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

इंटरव्यू पर कोर्ट की सख्ती

हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि बिश्नोई के जेल में इंटरव्यू को लेकर सीनियर अधिकारियों ने कोई शपथपत्र क्यों नहीं दाखिल किया। डीजीपी के इस दावे पर भी सवाल उठे कि जेल में इंटरव्यू नहीं हुआ, जबकि इसके प्रमाण सामने आ चुके हैं। कोर्ट ने इस मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत जांच की मांग की है।

बिश्नोई इंटरव्यू विवाद का बढ़ता असर

बिश्नोई का इंटरव्यू वीडियो सामने आने के बाद यह मामला काफी बढ़ गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से गैंगस्टरों के प्रभाव और पुलिस की भूमिका पर गहराई से विचार किया जा रहा है। कोर्ट ने पुलिस और अपराधियों के संभावित गठजोड़ को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता बताई।