भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थापना दिवस की प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सौभाग्य का विषय है कि दीपोत्सव की शुभ बेला में मध्यप्रदेश का 69वां राज्योत्सव मनाया जा रहा है। बुंदेलखंड, बघेलखंड, निमाड़, मालवा और महाकौशल रूपी पांचो अंचलों ने प्रदेश को अविस्मरणीय इतिहास, अद्भुत कला, अनुपम संस्कृति, अद्वितीय परंपरा और अनंत सामर्थय का पंचामृत दिया है। धर्म-अध्यात्म और ज्ञान की त्रिवेणी, विंध्याचल और सतपुड़ा की गोद में विद्यमान मध्यप्रदेश ने विश्व को साहित्य और संगीत की अमूल्य विरासत सौंपी है। लोक संस्कृति और जनजातीयां प्रदेश का आधार हैं। यह भूमि भगवान श्रीराम के वनवास, भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा, सम्राट विक्रमादित्य के पराक्रम और सृजनशीलता की साक्षी रही है।

मध्यप्रदेश के खाते में है कई उपलब्धियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कई उपलब्धियां अर्जित की है। यह देश की फूड बॉस्केट, सोयाबीन प्रदेश, हीरा प्रदेश, बिजली प्रदेश, जनजातियों का घर, बाघ प्रदेश और चीता स्टेट के नाम से विख्यात है। स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर और भोपाल ने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। किसान भाइयों के सामर्थ्य से प्रदेश ने 7 बार कृषि को कर्मण पुरस्कार जीता। प्रदेश के शरबती गेहूं, सोयाबीन और चिन्नौर चावल का कोई मुकाबला नहीं है। प्राकृतिक औषधि और अन्न के उत्पादन में भी प्रदेश अग्रणी है।

भारतीय सेना ने प्रत्येक मोर्चे पर अपनी दक्षता सिद्ध की

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत विश्व में एकमात्र ऐसा देश है जिसने मानवता के लिए सदैव अपनी सकारात्मक भूमिका निभाई है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीनों सेनाओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी दक्षता को सिद्ध कर भारत का मान बढ़ाया और देश की सीमाओं की रक्षा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत “जियो और जीने दो” के सिद्धांत को व्यवहार में लाते हुए सभी दिशाओं में प्रगति कर रहा है। केन्द्र एवं प्रदेश की डबल इंजन सरकार भी प्रत्येक प्रदेशवासी के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, भोपाल महापौर मालती राय, विधायक भगवान दास सबनानी, विधायक रामेश्वर शर्मा, मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिव शेखर शुक्ला तथा अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।