नेशनल डेस्क। छठ पूजा के अवसर पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने विशेष व्यवस्था की है। रेलवे ने रतलाम मंडल से गुजरते हुए चार स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो पूरी तरह से अनारक्षित होंगी। ये ट्रेनें बान्द्रा टर्मिनस-गोरखपुर, गोरखपुर-वलसाड, उधना-जयनगर और जयनगर-उज्जैन मार्ग पर संचालित होंगी। इन ट्रेनों का एक-एक फेरा तय किया गया है ताकि त्योहारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
बान्द्रा-गोरखपुर स्पेशल
गाड़ी संख्या 09093/09094 बान्द्रा टर्मिनस-गोरखपुर-वलसाड अनारक्षित रविवार तीन नवंबर को बान्द्रा टर्मिनस से 04:40 बजे चलेगी और सोमवार को शाम 6 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। यह ट्रेन सोमवार को सुबह 16:20 बजे रतलाम एवं 18:20 पर उज्जैन पहुंचेगी।
गाड़ी संख्या 09093 बान्द्रा टर्मिनस गोरखपुर स्पेशल बोरीवली, पालघर, दहाणू रोड, वापी एवं वलसाड स्टेशनों पर भी रुकेगी। इस ट्रेन में तीन स्लीपर एवं 14 सामान्य श्रेणी के कोच रहेगी। जो सभी अनारक्षित रूप में चलेगी।
गोरखपुर-वलसाड स्पेशल
इसी प्रकार वापसी में 09094 गोरखपुर वलसाड स्पेशल 04 नवम्बर को गोरखपुर से 22.00 बजे चलेगी और 06 नवम्बर को 06.00 बजे वलसाड पहुंचेगी। यह ट्रेन मंगलवार को 18.35 बजे उज्जैन व 21.20 बजे रतलाम आएगी। ट्रेन का दोनों दिशाओं में उधना, सूरत, वडोदरा, रतलाम, उज्जैन, संत हिरदाराम नगर, बीना, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, मनकापुर, बस्ती एवं खलिलाबाद स्टेशनों पर ठहराव दिया गया है।
जयनगर-उज्जैन स्पेशल
गाड़ी संख्या 09030/09040 उधना जयनगर-उज्जैन अनारक्षित स्पेशल तीन नवम्बर को उधना से 07.25 बजे चलकर रतलाम मंडल के रतलाम(14.30/14.40) एवं उज्जैन(16.35/16.50) होते हुए मंगलवार को 02.00 बजे जयनगर पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09040 जयनगर उज्जैन स्पेशल 05 नवम्बर को जयनगर से 05.30 बजे चलकर बुधवार को 16.00 बजे उज्जैन स्टेशन पहुंचेगी।
यह ट्रेन दोनों दिशाओं में संतहिरदाराम नगर, बीना, सागर, दमोह, कटनी मुड़वारा, सतना, मानिकपुर, प्रयागराज छिवकी, पं. दीनदयाल उपाध्याय, बक्सर, आरा, दानापुर, पाटलिपुत्र, सोनपुर, हाजिपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा एवं मधुबनी रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी।
उधना-जयनगर स्पेशल
गाड़ी संख्या 09039 उधना जयनगर स्पेशल का सूरत, सायण, भरूच, वडोदरा एवं गोधरा स्टेशन पर भी ठहराव रहेगा। इस ट्रेन में 05 स्लीपर एवं 10 सामान्य श्रेणी के कोच रहेंगे, जो सभी अनारक्षित रूप में चलेगी।