India-Canada Dispute: भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव गहराता जा रहा है। कनाडा की खुफिया एजेंसी, कम्युनिकेशन सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट (CSE), ने भारत को उन देशों की सूची में रखा है, जो कनाडा के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं। यह पहली बार है जब भारत का नाम इस तरह की सूची में दर्ज किया गया है। इस सूची में भारत के अलावा चीन, रूस, ईरान, और उत्तर कोरिया भी शामिल हैं। यह रिपोर्ट 31 अक्टूबर को जारी की गई और इसे कनाडा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया।

साइबर खतरे की बढ़ती आशंका

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के साइबर प्रोग्राम कई पहलुओं से कनाडा की सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। CSE के मुताबिक, भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों के लिए साइबर अभियानों का सहारा ले सकता है, जिसमें जासूसी, आतंकवाद से निपटना, और वैश्विक मंच पर प्रभाव बढ़ाना शामिल है। भारत और कनाडा के बीच मौजूदा तनाव के कारण साइबर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, और कथित तौर पर भारतीय हैकर समूहों ने कनाडाई सरकारी वेबसाइटों पर हमले किए हैं।

निज्जर की हत्या बना विवाद का केंद्र

भारत-कनाडा तनाव का मुख्य कारण खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या है। 18 जून 2023 को कनाडा के सुरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या कर दी गई थी। सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने सिरे से खारिज करते हुए इसे कनाडा का आंतरिक मामला बताया।

भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी

मई 2024 में कनाडा की पुलिस ने निज्जर की हत्या के सिलसिले में तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा है कि भारत ने इन नागरिकों को निज्जर की हत्या के लिए भेजा था। हालांकि, भारत ने इन आरोपों पर कहा कि यह कनाडा की आंतरिक जांच का मामला है और इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है।

कनाडा पर साइबर हमले का दावा

CSE की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत-कनाडा तनाव के बाद एक भारतीय समर्थक हैकर समूह ने कनाडा की सरकारी वेबसाइटों को निशाना बनाया, जिसमें कनाडा के सशस्त्र बलों की वेबसाइट भी शामिल है। इससे कनाडा की कई वेबसाइटें अस्थायी रूप से ठप हो गईं और देश में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत महसूस की गई।

रिपोर्ट के बाद बढ़ी चिंताएं

CSE हर साल संभावित खतरों की सूची जारी करती है। इस बार भारत का नाम इस सूची में शामिल होने से कनाडा में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। इस रिपोर्ट से दोनों देशों के पहले से तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ गए हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस रिपोर्ट का प्रभाव दोनों देशों के राजनैतिक और व्यापारिक संबंधों पर कैसे पड़ता है।