टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ समेत देशभर में आज नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। इस साल छठ पूजा 5 से 8 नवंबर तक मनाई जा रही है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ की बात करे तो दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़ और जगदलपुर समेत तमाम जिलों में छठ घाट बनाए गए हैं। वहीं बिलासपुर में एशिया का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट बनाया गया है।
36 घंटे का निर्जला व्रत और सूर्य को अर्घ्य
छठ पूजा का मुख्य आकर्षण है 36 घंटे का निर्जला व्रत। इस व्रत में बिना जल के उपवास किया जाता हैं और सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की जाती हैं। मान्यता है कि इस पूजा से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है, और सूर्य देव का आशीर्वाद परिवार पर हमेशा बना रहता है।
क्या है छठ पूजा का इतिहास?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत तब हुई जब भगवान राम और माता सीता वनवास से अयोध्या लौटे थे। उनके सम्मान में लोगों ने उपवास रखा और सूर्य देव की पूजा की तभी से इस पर्व की परंपरा चली आ रही है। इस अवसर पर महिलाएं विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेती हैं और पवित्र नदी में स्नान कर पूजा करती हैं।