बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी शुक्रवार को अपने 11 वर्ष लंबे कार्यकाल के बाद न्यायिक सेवा से रिटायर हो गए। इस दौरान उन्होंने कुल 35,747 मामलों का निपटारा किया, जिसमें से 540 मामले ऐसे थे जो नजीर बने। अपने विदाई समारोह में जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि यह उपलब्धियां उनके परिजनों और ईश्वर के आशीर्वाद से ही संभव हुईं। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद भी विधि के क्षेत्र में सक्रिय रहने का संकल्प लिया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के कोर्ट रूम में आयोजित इस विदाई समारोह में महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह चंदेल और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने भी जस्टिस भादुड़ी के योगदान की सराहना की।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
जस्टिस भादुड़ी का जन्म 10 नवंबर 1962 को रायपुर के एक प्रतिष्ठित कानूनी परिवार में हुआ। उनकी शिक्षा रायपुर में बंगाली कालीबाड़ी स्कूल और सेंट पॉल हायर सेकेंडरी स्कूल से हुई। पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से बी.कॉम और एलएलबी में स्वर्ण पदक प्राप्त कर उन्होंने कानूनी करियर की नींव रखी।
कानूनी करियर का सफर
1985 में वकालत की शुरुआत करते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में प्रैक्टिस की। बिलासपुर में उन्होंने महाधिवक्ता कार्यालय में उप महाधिवक्ता और सीबीआई के स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। 16 सितंबर 2013 को उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2016 में स्थायी न्यायाधीश बने।