रायपुर। EOW/ACB में अपने खिलाफ दर्ज हुई FIR के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अग्रिम जमानत की याचिका लगायी है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाला मामला में दो पूर्व IAS और पूर्व महाधिवक्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अब यह खबर सामने आ रही है कि पूर्व महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने रायपुर के विशेष कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगायी गयी है। जिस पर 13 नवंबर को सुनवाई होगी।

नान घोटाले में आरोपी IAS अधिकारियों की रही भूमिका

ACB/EOW ने पूर्व IAS आलोक शुक्ला, अनिल टूटेजा और पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ये FIR तीनों के व्हाट्सएप चैट के आधार पर दर्ज की गयी है। दर्ज FIR में कहा गया है कि 2015 में ईओडबल्यू में दर्ज नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले से संबंधित मामले और इसी आधार पर ईडी द्वारा 2019 में दर्ज मामले को ये सभी लोग बाधित करने का प्रयास कर रहे थे। यही नहीं इनके द्वारा दबाव बनाकर और साक्ष्यों को भी प्रभावित करने का प्रयास किया गया, ताकि कोर्ट में इसका लाभ मिल सके। एफआईआर में ये उल्लेख है कि सरकार के बदलने के बाद अनिल टुटेजा एवं डॉक्टर आलोक शुक्ला छ.ग. शासन में महत्वपूर्ण पदाधिकारी बन गये थे तथा इन अधिकारियों का वर्ष 2019 से लगातार सरकार के संचालन नीति निर्धारण एवं अन्य कार्यों में काफी हस्तक्षेप था।

EOW ने सरकार का सबसे शक्तिशाली अधिकारी बताया

EOW ने FIR में उल्लेख किया है कि यह (टुटेजा और शुक्ला) सरकार के सबसे शक्तिशाली अधिकारी थे तथा सभी महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापना और स्थानांतरण में इनका हस्तक्षेप था। एक तरह से कहा जाए कि छत्तीसगढ़ सरकार की सारी ब्यूरोक्रेसी इनके नियंत्रण में थी तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं था। वांछित अधिकारियों की वांछित पदस्थापना भी इनके नियंत्रण में थी, इस कारण राज्य सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ अधिकारियों पर इनका नियंत्रण था।

FIR में कहा गया है कि इन सभी ने आपराधिक षडयंत्र करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ उच्चाधिकारियों के प्रक्रियात्मक एवं विभागीय कार्यों से संबंधित दस्तावेज एवं जानकारी में बदलाव करवाते हुए, अपने विरुद्ध दर्ज नागरिक आपूर्ति निगम के मामले को अपने पक्ष में हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए दवाब बनाया, ताकि उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल सके। इस प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद तीनो के खिलाफ EOW ने FIR दर्ज किया है। इन्हीं में से एक अनिल टुटेजा फ़िलहाल जेल में हैं, वहीं डॉ आलोक शुक्ला ने अपने डॉक्टरी का पुराना काम फिर से शुरू किया है, उधर कांग्रेस के शासनकाल में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा ने अब अपनी अग्रिम जमानत की याचिका लगाई है।