बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जस्टिस संजय के. अग्रवाल को छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। यह नियुक्ति विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 6(2) के तहत की गई है, जिसके तहत राज्यपाल को यह अधिकार होता है कि वे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से कार्यपालक अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकें।

इस नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के परामर्श पर न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल को यह जिम्मेदारी सौंपी है। न्यायमूर्ति अग्रवाल इस पद के माध्यम से राज्य में विधिक सेवाओं की दिशा और संचालन की देखरेख करेंगे। विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को निःशुल्क और उचित कानूनी सहायता प्रदान करना है, जो आर्थिक या सामाजिक रूप से कमजोर हैं और जो न्याय पाने में सक्षम नहीं हैं।

न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल का विधिक सेवा क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और वे अपने कार्यों के प्रति निष्ठा और समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उनका कार्यकाल छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को और सशक्त करेगा, जिससे गरीब और जरूरतमंदों को न्याय पाने में और अधिक सहायता मिलेगी।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्याय हर नागरिक तक पहुंचे। विशेषकर उन लोगों तक जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। यह प्राधिकरण निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने, लोक अदालतों का आयोजन करने, और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के माध्यम से न्याय दिलाने में सहायक भूमिका निभाता है। माना जा रहा है कि न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल की नियुक्ति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे राज्य के कानूनी सेवा तंत्र को मजबूती मिलेगी।