Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा एक बार फिर भड़क उठी है। राज्य में जारी जातीय संघर्ष के बीच हालात बिगड़ने के बाद केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में मणिपुर के हालात पर समीक्षा की गई और ताजा हिंसा को काबू में करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए।

सूत्रों के अनुसार, इस उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त 50 सीएपीएफ कंपनियां भेजने का फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियां, जिनमें 15 सीआरपीएफ और 5 बीएसएफ से हैं, मणिपुर में तैनात करने का आदेश दिया है। इस सप्ताह तक कुल 50 और कंपनियां भेजी जाएंगी, जिससे राज्य में अब कुल 218 सीएपीएफ कंपनियां तैनात हो जाएंगी।
जिरीबाम जिले में हिंसा और राज्यव्यापी तनाव
12 नवंबर को जिरीबाम जिले में हिंसा के बाद से राज्य में स्थिति बिगड़ गई है। भीड़ ने तीन मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके साथ ही दो चर्च और तीन घरों को भी फूंक दिया गया। महिलाओं और बच्चों के शवों के मिलने के बाद हिंसा और भी बढ़ गई।
सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे। साथ ही, उग्रवादियों के हमले के बाद कई परिवार के सदस्य लापता हो गए हैं, जिनमें एक बुजुर्ग महिला और उसके बच्चे शामिल हैं।
एनपीपी ने सरकार से समर्थन वापस लिया
मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बीच, मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला लिया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कदम एनडीए से नहीं, बल्कि राज्य सरकार से लिया गया है। अगर नेतृत्व में बदलाव होता है, तो पार्टी पुनर्विचार कर सकती है।
मणिपुर विधानसभा का राजनीतिक समीकरण
मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं, जिनमें भाजपा के पास 37 सीटें हैं। एनपीपी, जिसके सात विधायक हैं, ने पहले बीरेन सिंह सरकार को बाहरी समर्थन दिया था। एनपीपी के समर्थन वापस लेने से फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है।
स्कूल-कॉलेज बंद, कर्फ्यू का आदेश
राज्य में बढ़ती हिंसा के कारण इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों सहित स्कूलों और कॉलेजों को 19 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया है।