रायगढ़। जिले का धरमजयगढ़ वन मंडल हाथियों के लिए देशभर में विशेष पहचान रखता है, लेकिन यहां के जंगलों से जुड़ी घटनाएं वन विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। एक बार फिर छाल रेंज के हाटी बीट में एक हाथी शावक की मृत्यु की खबर ने सबको चौंका दिया है।
धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की मौत होने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में गुरूवार की सुबह तालाब में एक हाथी शावक का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची विभागीय टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
लंबे समय से विचरण कर रहे हैं हाथी
जानकारी के मुताबिक, धरमजयगढ़ वन मंडल में पिछले लंबे समय से 152 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जंगली हाथियों के द्वारा लगातार ग्रामीण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसी बीच गुरूवार की सुबह छाल रेंज के हाटी बीट में कक्ष क्रमांक 554 के पास वन विभाग के तालाब में एक हाथी शावक का शव मिला है। बताया जा रहा है कि मृत हाथी शावक की उम्र करीब 3 से 4 माह के आसपास है। उसके तालाब में डूबने से मौत होने की आशंका जताई जा रही है। इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
विभागीय विफलता या प्राकृतिक आपदा..?
धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की लगातार हो रही मौतें चिंता का विषय हैं। पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में हाथी-मानव द्वंद्व और हाथियों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इन मौतों के पीछे प्राकृतिक कारणों के साथ-साथ विभागीय लापरवाही भी हो सकती है।
वन अमले पर उठ रहे हैं ये सवाल…?
0 क्या वन विभाग की निगरानी में कमी है?…
0 धरमजयगढ़ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में वन विभाग का प्रभावी प्रबंधन क्यों नहीं हो पा रहा?
0 हाथियों के लिए जल स्रोत कितना सुरक्षित हैं?…
0 ग्रामीण क्षेत्रों में बने तालाब और जलाशय हाथियों के लिए जानलेवा क्यों साबित हो रहे हैं?
0 मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के उपाय कहां हैं?
0 क्षेत्र में लगातार बढ़ते हाथी-मानव द्वंद्व को रोकने के लिए विभाग के पास ठोस योजनाएं क्यों नहीं हैं?
0 वन विभाग की जिम्मेदारी…
धरमजयगढ़ वन मंडल के अधिकारियों पर इस तरह के मामले में जवाबदेही तय करना जरूरी है। शावक की मौत चाहे प्राकृतिक हो या लापरवाही का परिणाम, यह वन विभाग के प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर करता है।
इस घटना के संबंध में धरमजयगढ़ कापू के एसडीओ बाल गोविंद साहू ने बताया कि 554 बीट में हाथियों को दल नहा रहा था। इस दौरान डेढ़ से 2 महीने का शावक पानी में डूब गया। शव को बाहर निकाल दिया गया है और पीएम की तैयारी चल रही है।