अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक व्यापारी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर ठगने की कोशिश की। ठग ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर व्यापारी को डराने की कोशिश की, लेकिन व्यापारी की सतर्कता से ठगी की यह साजिश नाकाम हो गई। व्यापारी ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जो अब पुलिस के पास है।

कैसे हुई ठगी की कोशिश?

अंबिकापुर के केदारपुर क्षेत्र में रहने वाले व्यापारी शिवेश सिंह के पास व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि उनके नंबर से कई लोगों को आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं।

व्यापारी को डराने के लिए कहा गया कि वह तुरंत एक कमरे में बंद हो जाएं और अपनी सभी गतिविधियां रोक दें। इसके बाद ठग ने आधार और पैन कार्ड जैसी निजी जानकारी मांगनी शुरू की। लेकिन शिवेश सिंह ने अपनी जागरूकता दिखाते हुए कोई भी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया और कॉल काट दी।

व्यापारी ने बचाव में क्या किया?

शिवेश सिंह ने न केवल कॉल डिस्कनेक्ट किया बल्कि पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया। इस रिकॉर्डिंग से स्पष्ट हुआ कि ठगों का उद्देश्य व्यापारी को मानसिक दबाव में लाकर निजी जानकारी प्राप्त करना था ताकि ठगी को अंजाम दिया जा सके।

पुलिस की चेतावनी

इस घटना के बाद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि इस तरह के साइबर फ्रॉड कॉल्स से सावधान रहें।

  • कभी भी फोन पर निजी जानकारी साझा न करें।
  • किसी अनजान कॉलर के निर्देश पर कोई कदम न उठाएं।
  • ऐसी घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

डिजिटल अरेस्ट का नया ट्रेंड

साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट का नया तरीका अपनाया जा रहा है, जिसमें वे लोगों को झूठे आरोपों में फंसाने का डर दिखाकर उनकी निजी जानकारी और पैसे ठगने की कोशिश करते हैं। अंबिकापुर की यह घटना अन्य लोगों के लिए सतर्कता का उदाहरण बन गई है।

पुलिस ने व्यापारी की जागरूकता की तारीफ की और लोगों को जागरूक रहकर ऐसे अपराधों से बचने की सलाह दी है।