टीआरपी डेस्क। महाराष्ट्र की राजनीति में सीएम का फैसला तो हो चुका है, लेकिन अब पेंच मंत्रालयों के बंटवारे में फंस गया है। हाल ही में, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की अमित शाह से मुलाकात के बाद भी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया।
आज शाम को मुंबई में महायुति की बैठक होनी थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही, निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना की बैठक भी रद्द हो गई है। खास बात यह है कि एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव सतारा लौट गए हैं, और अब चर्चा हो रही है कि शायद वह सरकार गठन पर हो रही बैठकें और बातचीत से नाराज हैं। उनके लौटने के बाद ही बैठकें फिर से शुरू होंगी।
महाराष्ट्र में सीएम का मुद्दा सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। आइए जानते हैं अब तक क्या हुआ है:
- विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महायुति में मुख्यमंत्री का पद तय करने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं।
- एकनाथ शिंदे ने साफ किया था कि वह प्रधानमंत्री मोदी के हर फैसले का पालन करेंगे और भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री उन्हें स्वीकार होगा।
- शिंदे की इस घोषणा के बाद, देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था।
- शिंदे ने अमित शाह से बैठक के बाद कहा था कि चर्चा बहुत सकारात्मक रही।
- शिंदे ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर निर्णय महायुति गठबंधन की एक और बैठक में लिया जाएगा।
- शिंदे ने कहा कि वह सरकार गठन में कोई रुकावट नहीं डालेंगे और प्रधानमंत्री मोदी तथा अमित शाह द्वारा लिए गए फैसले का पालन करेंगे।
- हालांकि, मंत्रालयों के आवंटन को लेकर अब भी मतभेद बने हुए हैं।
- मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद पर सहमति बन चुकी है, लेकिन मंत्रालयों के बंटवारे में पेंच फंस रहा है।
- माना जा रहा है कि फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे, और दो उपमुख्यमंत्री की व्यवस्था जारी रहेगी।
- शिवसेना के नेताओं का कहना है कि शिंदे खुद उपमुख्यमंत्री बनने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि वह पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इसके अलावा, भाजपा गृह मंत्रालय अपने पास रख सकती है, जबकि एनसीपी को वित्त मंत्रालय मिल सकता है। शिंदे गुट भी 12 से ज्यादा मंत्रालयों की मांग कर रहा है।
बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने हाल ही में राज्य विधानसभा चुनावों में 288 सीटों में से 230 सीटें जीती हैं। बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं।