टीआरपी डेस्क। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो यह जिम्मेदारी पार्टी के किसी अन्य नेता को दी जाएगी। शिरसाट ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि शिंदे केंद्र सरकार में मंत्री बनने का कोई इरादा नहीं रखते और वह केंद्रीय मंत्री के रूप में कभी नहीं जाएंगे।
महाराष्ट्र चुनावों में महायुति गठबंधन की शानदार जीत के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह कहा था कि वह मुख्यमंत्री के नाम के चयन में भाजपा नेतृत्व का पूरी तरह से समर्थन करेंगे और इस प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं डालेंगे। शिंदे के इस बयान से उपमुख्यमंत्री बनने के मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। शिरसाट ने बताया कि शिंदे इस विषय पर जल्द ही अपना निर्णय लेंगे, और अगर वह उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो यह पद उनकी पार्टी के किसी और नेता को दिया जाएगा।
गुरुवार को शिरसाट ने यह भी कहा कि शिंदे महाराष्ट्र की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद शायद नहीं स्वीकार करेंगे, लेकिन पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि शिंदे को सरकार का हिस्सा बनना चाहिए। शंभुराज देसाई, जो शिंदे के करीबी सहयोगी हैं, ने शिंदे के प्रशासनिक अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें राज्य की अगली सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
दिल्ली में शिंदे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और महाराष्ट्र में सत्ता-साझाकरण पर चर्चा की। शिंदे ने इस मुलाकात के बाद कहा कि सीएम पद के संबंध में अंतिम निर्णय एक या दो दिनों में लिया जाएगा, और अभी यह चर्चा जारी है। महाराष्ट्र चुनावों के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे, जिसमें भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना (57) और एनसीपी (41) ने अच्छा प्रदर्शन किया।